Atal Ayushman Scheme: आयुष्मान योजना में अब रियल टाइम फीडबैक सिस्टम, मरीजों को दी जाएगी ये जानकारी भी

आयुष्मान योजना के लिए अब रियल टाइम फीडबैक सिस्टम तैयार किया जा रहा है जिसमें मरीज के अस्पताल में भर्ती होने उपचार और डिस्चार्ज तक त्वरित फीडबैक लिया जाएगा। इसके लिए मरीज के फोन पर फीडबैक एसएमएस भेजा जाएगा

By Edited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:00 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 03:01 PM (IST)
Atal Ayushman Scheme: आयुष्मान योजना में अब रियल टाइम फीडबैक सिस्टम, मरीजों को दी जाएगी ये जानकारी भी
अटल आयुष्मान योजना में अब रियल टाइम फीडबैक सिस्टम।

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान योजना के लिए अब रियल टाइम फीडबैक सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें मरीज के अस्पताल में भर्ती होने, उपचार और डिस्चार्ज तक त्वरित फीडबैक लिया जाएगा। इसके लिए मरीज के फोन पर फीडबैक एसएमएस भेजा जाएगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर बिंदुवार जानकारी प्राप्त की जाएगी। यह फीडबैक अस्पताल की ई-लॉगबुक में दर्ज किया जाएगा। एसएमएस के माध्यम से ही मरीज को अब यह जानकारी भी दी जाएगी कि उसने किस पैकेज का लाभ लिया और पांच लाख के कुल क्लेम में कितनी रकम अभी शेष है। 

आयुष्मान भारत के दो साल पूरे होने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित आरोग्य मंथन में यह जानकारी दी गई। अटल आयुष्मान योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि दो साल में योजना में काफी प्रगति हुई है। अब तक 13 जिलों में दो लाख 70 हजार से अधिक लाभार्थियों को इस योजना से उपचार का लाभ मिल चुका है। दो साल में 39 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं। लाभार्थियों को इलाज के लिए 175 सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि अब राज्य के लोगों को नेशनल पोर्टेबिलिटी की भी सुविधा दी जा रही है, जिसके तहत वह देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में योजना के अंतर्गत इलाज प्राप्त कर सकते हैं। 
उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 1085 लाभार्थी नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत उपचार प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने योजना के संचालन में गड़बड़ी के मामलों को नियंत्रित करने में कामयाबी प्राप्त की है। वहीं चिकित्सालयों द्वारा प्रस्तुत किए गए क्लेम और दावों का भुगतान तीन से सात दिन के तय समय में किया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि योजना का उद्देश्य तीसरे वर्ष में गुणवत्ता सुधार करना है। सूचीबद्ध अस्पतालों से भी अपेक्षा की गई है कि वह मरीजों को गुणवत्तापूरक सेवाएं प्रदान करें। 
वहीं, शत प्रतिशत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। कोरोना के कारण इसमें कुछ व्यवधान आया था पर अब इसे तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरीजों को एसएमएस के माध्यम योजना के बारे में जागरूक भी किया जाएगा, जिससे वह सही उपचार प्राप्त कर सकें। वहीं मरीजों की समस्या का समाधान भी रियल टाइम में किया जाएगा।
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