श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नित नए गड़बड़झाले आ रहे सामने, अब रिक्तियों की विज्ञप्ति पर उठे सवाल

देव सुमन विश्वविद्यालय में नित नए गड़बड़झाले सामने आ रहे हैं। 14 निजी कालेजों में बिना सीट 700 छात्रों के प्रवेश का मामला अभी ठंडा नहीं हो पाया और विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भरने के लिए जारी की गई विज्ञप्ति में धांधली की शिकायत की गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:10 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:10 AM (IST)
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नित नए गड़बड़झाले आ रहे सामने, अब रिक्तियों की विज्ञप्ति पर उठे सवाल
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नित नए गड़बड़झाले आ रहे सामने।

जागरण संवाददाता, देहरादून। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में नित नए गड़बड़झाले सामने आ रहे हैं। 14 निजी कालेजों में बिना सीट 700 छात्रों के प्रवेश का मामला अभी ठंडा नहीं हो पाया और विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भरने के लिए जारी की गई विज्ञप्ति में धांधली की शिकायत की गई है। कुछ बेरोजगार युवाओं ने आरोप लगाया है कि विवि में 86 शैक्षिक व शिक्षणेत्तर पदों पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञप्ति में अनियमितता बरती गई है। इस बाबत युवाओं ने उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत को शिकायती पत्र भेजा है। उच्च शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

उच्च शिक्षा मंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया कि विवि ने 86 शैक्षिक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पदों पर भर्ती के लिए सबसे पहले 18 अगस्त 2020 को विज्ञप्ति जारी की थी। इन पदों के लिए प्रदेशभर से बेरोजगारों ने आवदेन किया, मगर विवि ने कुछ समय बाद विज्ञप्ति निरस्त कर दी। इसके पीछे वजह गलत आरक्षण निर्धारण को बताया गया। भर्ती रद करने के बाद विवि ने दोबारा आरक्षण निर्धारित करने को कमेटी का गठन किया, लेकिन इसमें पुरानी कमेटी के सदस्यों को ही जारी रखा गया।

बेरोजगारों ने सवाल उठाया है कि जब उक्त सदस्यों ने गलत आरक्षण का निर्धारण किया तो फिर उन्हें दूसरी कमेटी में सदस्य क्यों बनाया गया। इसके बाद विवि ने 11 नवंबर 2020 को दोबारा विज्ञप्ति जारी की। बेरोजगारों का आरोप है कि उक्त रिक्त पद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के लिए थे, लेकिन बाद में उन्हें भविष्य में बनने वाले भाऊवाला परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया। पदों के स्थानांतरण के लिए नियमों का पालन भी नहीं किया गया।

आरोप यह भी है कि विवि ने अपने चेहतों और रिश्तेदारों को लाभ देने के लिए नियमों को ताक पर रख अपने हिसाब से आरक्षण का निर्धारण कर दिया। किसी पद में सभी रिक्तियां आरक्षित कर दी गईं तो किसी पद में सभी रिक्तियों को अनारक्षित रखा गया। बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री से पूरे मामले की जांच की मांग की है। उधर, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि शिकायत प्राप्त हुई है। जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद जांच करवाई जाएगी।

यह भी पढ़ें- 62 फीसद अभ्यर्थियों ने दी वन दारोगा परीक्षा, सात हजार के करीब अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन

chat bot
आपका साथी