उत्‍तराखंड में नौकरशाही को ढर्रे पर लाने के बाद विकास को रफ्तार

नौकरशाही पर कुछ हद तक अंकुश लगाने और समस्याओं के निराकरण को लेकर उनकी जवाबदेही तय करने के बाद अब प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने की तैयारी है। कोरोना की वजह से सुस्त पड़ी विकास की गतिविधियों के लिए सरकार नए कदम उठा सकती हे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:18 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 08:35 PM (IST)
उत्‍तराखंड में नौकरशाही को ढर्रे पर लाने के बाद विकास को रफ्तार
अब प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। नौकरशाही पर कुछ हद तक अंकुश लगाने और समस्याओं के निराकरण को लेकर उनकी जवाबदेही तय करने के बाद अब प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने की तैयारी है। कोरोना की वजह से सुस्त पड़ी विकास की गतिविधियों के लिए सरकार नए कदम उठा सकती हे।

युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक माह से कम कार्यकाल में सबसे पहली प्राथमिकता नौकरशाही को साधने की रखी है। इसकी शुरुआत मुख्य सचिव को बदलकर की गई। इसके बाद शासन में आला अधिकारियों से लेकर जिलों में भी बदलाव किया जा चुका है। हालांकि, इस बदलाव को अभी आगे भी अंजाम दिया जाना है। इस संबंध में कसरत चल रही है। अब मुख्यमंत्री ने नौकरशाह को टास्क दे दिया है।

मंडल से लेकर जिलों में तहसीलों और विकासखंड कार्यालयों में जन समस्याओं का निराकरण प्रशासनिक अधिकारियों का पहला दायित्व होगा। सभी मंडलों, तहसीलों और विकासखंड कार्यालयों में हर दिन सुबह 10 से 12 बजे का समय आम जनता के लिए तय कर दिया गया है। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री खुद इस पर निगाह रख रहे हैं। इसी वजह से मुख्य सचिव ने हर महीने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर प्रगति सूचना देने की हिदायत दी है।

नौकरशाही को पटरी पर लाने के बाद मुख्यमंत्री अब विकास कार्यों को गति देने की कसरत में जुटे हैं। कोरोना महामारी ने डेढ़ साल से ज्यादा समय से प्रदेश की विकास गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इस दौरान निर्माण कार्यों की गति पर बड़ा असर पड़ा है। चुनावी साल में यही स्थिति आगे जारी रहने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखकर प्रदेश में विकास कार्यों की गति बढ़ाने की तैयारी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय इन दिनों इसे लेकर सक्रिय है। इस मामले में सरकार के सामने सबसे बड़ी चिंता कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा भी है। फिलहाल इससे निपटने के लिए तैयारी को बड़े स्तर पर अंजाम देने की कवायद की जा रही है। इसके साथ ही बरसात खत्म होते ही विकास कार्यों को लेकर बड़ी कार्ययोजना सामने आ सकती है।

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