उत्तराखंड: अब कण्वनगरी के नाम से जाना जाएगा कोटद्वार, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी मंजूरी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नगर निगम कोटद्वार का नाम परिवर्तित कर कण्व ऋषि के नाम पर कण्व नगरी कोटद्वार रखने की स्वीकृति प्रदान की है। अब नगर निगम कोटद्वार कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेशद्वार कोटद्वार का नाम अब कण्वनगरी कोटद्वार होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोटद्वार नगर निगम का नाम महर्षि कण्व के नाम पर रखने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कोटद्वार शहर की पहचान महर्षि कण्व की तपस्थली और भारत के नामदेय चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम से भी है। यह स्थली कोटद्वार नगर निगम मुख्यालय से करीब 14 किमी के फासले पर है। पूर्व में कोटद्वार नगर निगम ने कण्वाश्रम से लगे कलालघाटी का नाम कण्वघाटी के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा था।
पिछले साल दिसंबर में शासन ने इस पर मुहर लगाई। यही नहीं, कोटद्वार का नाम कण्वनगरी करने की मांग भी लगातार उठ रही थी। इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भी मिला, जिस पर मंथन चल रहा था। अब मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए कोटद्वार नगर निगम का नाम कण्वनगरी कोटद्वार रखने की स्वीकृति दे दी है। जाहिर है कि अब महर्षि कण्व के नाम पर कोटद्वार का नामकरण होने से कोटद्वार क्षेत्र को न सिर्फ देश-दुनिया में नई पहचान मिलेगी, बल्कि यहां के पर्यटन विकास को भी नए आयाम मिलेंगे।
पहले कलालघाटी का भी बदला गया नाम
पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेश द्वार कोटद्वार स्थित कलालघाटी का भी नाम बदला गया है। उसे अब कण्वघाटी के नाम से जानी जा रहा है। कोटद्वार नगर निगम ने कलालघाटी का नाम बदलकर कण्वघाटी करने के शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसपर पिछले साल दिसंबर में मुहर लगाई थी।
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