राजकीय चिकित्सालय में अब माननीयों के जन्मदिन पर फल वितरण पर रोक

राजकीय चिकित्सालय में एक सप्ताह के भीतर सात स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। चिकित्सालय प्रशासन ने यहां भर्ती मरीजों को महापुरुषों और माननीयों के जन्मदिन पर फल वितरण पर रोक लगा दी है। मरीज के तीमारदार को परिचय पत्र जारी किया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:13 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:13 AM (IST)
राजकीय चिकित्सालय में अब माननीयों के जन्मदिन पर फल वितरण पर रोक
राजकीय चिकित्सालय में अब माननीयों के जन्मदिन पर फल वितरण पर रोक।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। राजकीय चिकित्सालय में एक सप्ताह के भीतर सात स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं। चिकित्सालय प्रशासन ने यहां भर्ती मरीजों को महापुरुषों और माननीयों के जन्मदिन पर फल वितरण पर रोक लगा दी है। मरीज के तीमारदार को परिचय पत्र जारी किया जा रहा है।

राजकीय चिकित्सालय में टीकाकरण अभियान के अतिरिक्त कोरोना के आरटी पीसीआर और एंटीजन जांच की जा रही है। प्रतिदिन यहां से कई व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। चिकित्सालय में तैनात छह स्टाफ नर्स और एक मेट्रन की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है। यानी चिकित्सालय परिसर के भीतर कोरोना संक्रमण पैर पसार चुका है। चिकित्सालय प्रशासन ने ऐसे मामलों को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

शनिवार की सुबह राजकीय चिकित्सालय में टीकाकरण केंद्र सहित पूरे चिकित्सालय के सभी ब्लॉक को नगर निगम टीम के जरिए सैनिटाइज कराया गया। इतना ही नहीं यहां भर्ती मरीजों से मिलने आने वाले व्यक्तियों पर भी रोक लगा दी गई है। मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. विजयेश भारद्वाज ने बताया कि जो भी मरीज भर्ती किया गया जाएगा उसकी कोरोना जांच जरूरी है। मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार रहेगा। उसको भी कोविड जांच करानी होगी। सीएमएस ने बताया कि तीमारदार को भी चिकित्सालय की ओर से पास जारी किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति मरीज से नहीं मिल पाएगा। अगर कोई व्यक्ति अपने मरीज के लिए कुछ भोजन सामग्री लाना चाहता है तो वह चिकित्सालय के निर्धारित स्थान पर उस सामग्री को छोड़ देगा।यह सामग्री तीमारदार के जरिये मरीज तक पहुंचाई जाएगी।

चिकित्साधीक्षक ने बताया कि यहां भर्ती मरीजों की कोरोना से सुरक्षा को देखते हुए अगले आदेश तक कोई भी व्यक्ति किसी महापुरुष या माननीय के जन्मदिवस पर फल वितरण नहीं करेगा। बाहर से आने वाले व्यक्ति के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण मरीज और चिकित्सालय स्टाफ तक पहुंचने का खतरा बना हुआ है। जिसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

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