कोरोना के बीच अब डेंगू और जीका का डर, स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी जिलों के सीएमओ को एइवायजरी की जारी
कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू के साथ ही जीका वायरस का भी डर सता रहा है। दून में एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। इससे स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है। यही नहीं केरल में जीका वायरस के मामले रिपोर्ट होने से चिंता और बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण के बीच अब डेंगू के साथ ही जीका वायरस का भी डर सता रहा है। दून में एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। इससे स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है। यही नहीं केरल में जीका वायरस के मामले रिपोर्ट होने से चिंता और बढ़ रही है। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने जीका रोग (जीका वायरस) के प्रबंधन के लिए सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की है।
स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि हाल ही में केरल में जीका वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं। जीका रोग मुख्यत: संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। जो कि जीका वायरस के अलावा डेंगू व चिकनगुनिया की बीमारी को भी प्रसारित करता है। इस बीमारी के लक्षण बुखार आना, शरीर पर लाल चकते बनना, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, सिर दर्द व बैचेनी होना है।
जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि जीका रोग की पहचान व रोकथाम के लिए भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। एडीज मच्छर के लार्वा पनपने के स्थानों को चिह्नित कर लार्वा को नष्ट किया जाए। एडीज मच्छर को पनपने से रोका जाए। मच्छर के काटने से बचाव के लिए जन सामान्य को जागरूक किया जाए। आइडीएसपी के अंतर्गत फीवर सॢवलांस को सुदृढ़ किया जाए।
यदि जीका रोग के संदर्भ में किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति संज्ञान में आती है तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जाए। किसी भी संदिग्ध जीका रोगी की सूचना मिलने पर खून के नमूने लेकर जांच के लिए आइसीडीसी दिल्ली भेजे जाएं और उपचार शुरू किया जाए। रेपिड रिस्पांस टीम को भी सतर्क किया जाए।
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