उत्तराखंड पुलिस ने बढ़ाई सक्रियता, डिजिटल वालंटियरों को बनाया 'हथियार'

कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ अराजक तत्वों पर लगाम कसने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने डिजिटल प्लेटफॉर्म यानी इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बढ़ा दी है। पुलिस मुख्यालय की ओर से वाट्सएप पर डिजिटल वालंटियर ग्रुप बनाया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 12:40 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 12:40 PM (IST)
उत्तराखंड पुलिस ने बढ़ाई सक्रियता, डिजिटल वालंटियरों को बनाया 'हथियार'
उत्तराखंड पुलिस ने बढ़ाई सक्रियता, डिजिटल वालंटियरों को बनाया 'हथियार'।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ अराजक तत्वों पर लगाम कसने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने डिजिटल प्लेटफॉर्म यानी इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता बढ़ा दी है। पुलिस मुख्यालय की ओर से वाट्सएप पर डिजिटल वालंटियर ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में जुड़े लोग अपने आसपास कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों, फेक न्यूज प्रसारित करने वालों, नशा तस्करों, बाल मजदूरी कराने वालों की पुलिस को त्वरित सूचना दे रहे हैं, जिससे पुलिस को उनपर शिकंजा कसने में मदद मिल रही है।

डिजिटल वालंटियर ग्रुप में अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 100 से ज्यादा लोग जोड़े जा चुके हैं। पुलिस लगातार इस ग्रुप के प्रसार की कोशिश कर रही है, जिससे अधिक से अधिक इलाकों तक पहुंच बनाई जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जितनी जल्दी घटना की सूचना मिलेगी, पुलिस के लिए आरोपित को पकड़ने और हालात को संभालने में उतनी आसानी होगी। समय रहते सूचना मिलने पर घटनाओं को होने से रोका भी जा सकता है। ग्रुप के सदस्यों से कई बड़ी सूचनाएं पुलिस को मिली भी हैं। 

बीते दिनों ऊधमसिंह नगर के बाजपुर क्षेत्र में दुकानदार के ऊपर कार चढ़ाने की घटना में भी इस ग्रुप के सदस्यों ने पुलिस की काफी मदद की थी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने बताया कि ग्रुप में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जा रहा है, जिनकी फेसबुक-ट्विटर जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अच्छी फ्रेंड फॉलोविंग है। ग्रुप में महिला-पुरुष समेत सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। इस ग्रुप को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रदेश में जहां भी कुछ गलत हो रहा हो, उसकी सूचना जल्द से जल्द पुलिस तक पहुंचे।

इसकी मदद से लोग नशा तस्करों, बाल मजदूरी कराने वालों और साइबर ठगों को पकड़वाने में आसानी से पुलिस की मदद कर सकते हैं, जो भी जिम्मेदार नागरिक ग्रुप में शामिल होना चाहता है, वह संबंधित जिला पुलिस से संपर्क कर सकता है। डिजीटल वालंटियर गुपचुप तरीके से अपना काम करते हैं। वह न सिर्फ आरोपितों की बल्कि कहीं पर कोई पुलिसकर्मी कोई गलती कर रहा है, उसकी शिकायत भी करते हैं, ताकि पुलिस वर्दी में कोई धौंस न जमा सके।

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