उत्तराखंड में अब जनवरी नहीं फरवरी में होगी मगरमच्छ, घड़ि‍याल और ऊदबिलाव की गणना

अब मगरमच्छ घड़ियाल और ऊदबिलावों की गणना अगले माह होगी जो पहले इसी महीने प्रस्तावित थी।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 07:14 AM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 07:14 AM (IST)
उत्तराखंड में अब जनवरी नहीं फरवरी में होगी मगरमच्छ, घड़ि‍याल और ऊदबिलाव की गणना
उत्तराखंड में अब जनवरी नहीं फरवरी में होगी मगरमच्छ, घड़ि‍याल और ऊदबिलाव की गणना

केदार दत्त, देहरादून। उत्तराखंड में अब मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलावों की गणना अगले माह होगी, जो पहले इसी माह प्रस्तावित थी। पहली बार राज्य स्तर पर हो रही इन जलीय जीवों की गणना में किसी प्रकार की चूक न रहे, इसके लिए वन महकमा, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के विशेषज्ञों से मंथन करेगा। इसके बाद 30 जनवरी को गणना का कार्यक्रम किया जाएगा। हालांकि, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने सभी वन प्रभागों, नेशनल पार्कों, सेंचुरियों को तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। 

राज्य में नेपाल सीमा पर शारदा नदी से लेकर हरिद्वार में गंगा नदी तक मगरमच्छ, घड़ियाल और ऊदबिलावों का संसार बसता है। इसके अलावा यमुना समेत कुछेक अन्य नदियों में भी घड़ियालों की मौजूदगी है। अभी तक राज्य स्तर पर इनकी गणना नहीं हुई है। हालांकि, 2008 में गणना हुई, मगर कार्बेट टाइगर रिजर्व तक ही सीमित रही। तब कार्बेट में 120 मगरमच्छ, 231 घड़ियाल और 190 ऊदबिलाव थे। 

इस सबके मद्देनजर राज्य स्तर पर इन जलीय जीवों की गणना अब होने जा रही है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के मुताबिक गणना फरवरी में होगी। इसका खाका तैयार हो गया है, लेकिन इससे पहले डब्ल्यूआइआइ के विशेषज्ञों के साथ 23 जनवरी को मंथन किया जाएगा। वजह ये कि डब्ल्यूआइआइ भी नमामि गंगे में मगरमच्छ, घड़ियाल से संबंधित प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि 30 और 31 जनवरी को होने वाले वन संरक्षक सम्मेलन में गणना कार्यक्रम वन संरक्षकों से साझा किया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: एक्वेरियम में इठलाती जल की रानी का मनमोहक संसार

ऐसे होगी गणना 

फरवरी में राज्यभर में तीन दिन मगरमच्छ, घड़ियाल व ऊदबिलाव की गणना होगी। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के अनुसार एक ही समय पर एक साथ गणना होगी। इससे पहले उन सभी स्थलों पर ट्रैक बनाए जाएंगे, जहां इन जलीय जीवों के दिखने की संभावना रहती है। ये स्थल चिह्नित कर लिए गए हैं। 

यह भी पढ़ें: देहरादून में है जहरीले से लेकर शाकाहारी सांपों का अद्भुत संसार, जानिए इनकी खासियत

नाव, ड्रोन का भी उपयोग 

नदियों में इन जीवों की गणना को नाव का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में आवाजाही संभव नहीं, वहां ड्रोन से गणना की जाएगी। इसके अलावा रात्रि में भी रोशनी चमकाकर भी इन जीवों के आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। 

यह भी पढ़ें: देहरादून में जहरीले सांपों को करीब से जानेंगे सैलानी

chat bot
आपका साथी