इमरजेंसी, मुख्य द्वार और रिसेप्शन पर चस्पा करना होगा नोटिस, पढ़िए पूरी खबर

आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों को मुख्य द्वार इमरजेंसी और रिसेप्शन पर नोटिस चस्पा करना होगा। इसमें अपनी सूचीबद्धता और योजना के तहत कोरोना के निश्शुल्क जानकारी उन्हें देनी होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सभी अस्पतालों को इस बावत निर्देश जारी किए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 08:33 PM (IST)
इमरजेंसी, मुख्य द्वार और रिसेप्शन पर चस्पा करना होगा नोटिस, पढ़िए पूरी खबर
इमरजेंसी, मुख्य द्वार और रिसेप्शन पर चस्पा करना होगा नोटिस।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों को मुख्य द्वार, इमरजेंसी और रिसेप्शन पर नोटिस चस्पा करना होगा। इसमें अपनी सूचीबद्धता और योजना के तहत कोरोना के निश्शुल्क जानकारी उन्हें देनी होगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सभी अस्पतालों को इस बावत निर्देश जारी किए हैं।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आयुष्मान भारत, अटल आयुष्मान उत्तराखंड और राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक कोरोना संक्रमित 1287 मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार दिया गया है। निजी अस्पतालों से कहा गया है कि वे योजना के लाभार्थियों को कोरोना का निश्शुल्क इलाज दें। प्राधिकरण एक सप्ताह के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान कर रहा है।

अभी तक 11 सूचीबद्ध निजी चिकित्सालय 35 लाभार्थियों को 11 लाख 13 हजार 778 रुपये की धनराशि वापस लौटा चुके हैं। यह धनराशि पूर्व में आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत करने पर भी लाभार्थियों से ली गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी सभी सूचीबद्ध अस्पतालों के संपर्क में हैं और वर्तमान में कोरोना के उपचार के लिए भर्ती होने वाले सभी कार्डधारकों को निश्शुल्क उपचार दिया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में और तेजी से हो कोविड जांच

भाजपा नेता और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज पाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की जांच के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मोबाइल टीम तैनात किए जाने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार जताया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपलिंग कैंप लगाने से ग्रामीण क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा।

वहीं, इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी कम होगा। उन्होंने बताया कि पहले सिर्फ डोईवाला अस्पताल में ही जांच की जा रही थी। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम के माध्यम से सैंपलिंग प्रक्रिया को शुरू किए जाने से अब संक्रमण का खतरा कम होगा।

यह भी पढ़ें- गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है कोरोना की दूसरी लहर, जानें- क्या है AIIMS के डॉक्टरों की सलाह

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी