देहरादून: पछवादून और जौनसार में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं, किसानों को उठाना पड़ता है नुकसान

जौनसार बावर से पछवादून तक फल और सब्जी उत्पादन का बड़ा केंद्र होने के बाद भी यहां पर एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। इसका नुकसान बागवानों और किसानों को हर साल उत्पादन के दौरान उठाना पड़ता है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 12:55 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 12:55 PM (IST)
देहरादून: पछवादून और जौनसार में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं, किसानों को उठाना पड़ता है नुकसान
पछवादून और जौनसार में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं। फाइल फोटो

विकासनगर(देहरादून), जेएनएन। जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर से पछवादून तक फल और सब्जी उत्पादन का बड़ा केंद्र होने के बाद भी यहां पर एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। इसका नुकसान बागवानों और किसानों को हर साल उत्पादन के दौरान उठाना पड़ता है। अपनी फसलों को सुरक्षित रूप से कुछ समय नहीं रोक पाने के चलते उन्हें मजबूरन कम दामों पर बेचना पड़ रहा है। 

सालों से जौनसार बावर या फिर पछवादून में कोल्ड स्टोरेज की मांग की जा रही है, लेकिन सरकारी स्तर पर अभी तक कुछ हल नहीं निकल पाया है। नगदी, बेमौसमी फसल उत्पादन के मामले में जौनसार-बावर और पछवादून क्षेत्र के किसानों ने उपलब्धि हासिल की है। आम तौर पर परंपरागत खेती करने वाले किसान पिछले कुछ समय में आलू, अदरक, मटर, हरी मिर्च, लहसुन जैसी कैश-क्रॉप के उत्पादन से ज्यादा जुड़े है। जौनसार बावर में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। 

जौनसार-बावर के अदरक, गागली, टमाटर, मटर, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, धनिया आदि फसलों की भारी डिमांड रहती है। इसके अलावा सेब, पुलम, आडू आदि फलों का उत्पादन भी बड़े स्तर पर है, लेकिन अगर फलों को कुछ समय तक स्टॉक करना हो तो उसके लिए कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। जैसे-जैसे क्षेत्र में नगदी फसलों की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है, वैसे ही समस्याएं भी बढ़ गई हैं। किसानों के सामने फिलहाल सबसे बडी समस्या अपनी फसल का सही दाम लेने की है, फसल की पैदावार ज्यादा होने के कारण मंडी आने वाली फसलों का बेहद कम दाम मिलने से किसान परेशान हैं, बल्कि उसे भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। 

विकासनगर मंडी समिति के पूर्व सभापति विपुल जैन का कहना है कि किसानों की इस समस्या का समाधान सिर्फ कोल्ड स्टोर बनाकर ही किया जा सकता है। उनके कार्यकाल के दौरान विकासनगर में कोल्ड स्टोर बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी और तत्कालीन सरकार ने प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप के तहत कोल्ड स्टोर की व्यवस्था करने की दिशा में काम भी शुरू किया था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। उधर मंडी समिति सचिव पीआर कालाकोटी कोल्ड स्टोरेज के निर्माण और प्रबंधन में काफी पैसा खर्च होने की बात कहते हुए बजट का अभाव बताते हैं। 

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