अशासकीय कॉलेज शिक्षकों ने किया संयुक्त मोर्चे का गठन

उत्तराखंड के 18 अशासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने एक संयुक्त संघर्ष मोर्चे का गठन किया है। जो अपनी चिंताओं से शासन व सरकार को अवगत करवाएगा।अंब्रेला एक्ट में सरकार की ओर से परिवर्तन किए जाने के संदर्भ में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्षरत हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 04:33 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:42 PM (IST)
अशासकीय कॉलेज शिक्षकों ने किया संयुक्त मोर्चे का गठन
गुरुवार को बैठक कर संयुक्त रूप से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के 18 अशासकीय महाविद्यालय के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने एक संयुक्त संघर्ष मोर्चे का गठन किया है। जो अपनी चिंताओं से शासन व सरकार को अवगत करवाएगा।अंब्रेला एक्ट में सरकार की ओर से परिवर्तन किए जाने के संदर्भ में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी  संघर्षरत हैं।

उसी क्रम में गुरुवार को बैठक कर संयुक्त रूप से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया, जिसमें शिक्षक संघ की बैठक में सचिव डॉ. डीके त्यागी व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के संघ की तरफ से  प्रदेश महासचिव गजेंद्र कुमार सिंह ने सहमति प्रदान की। अपने अधिकारों के रक्षण के लिए सतत संघर्षशील रहने का निश्चय किया गया। साथ ही उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत की ओर से कहा गया है कि अशासकीय महाविद्यालयों का वेतन भुगतान जारी रहेगा, इसका बैठक में स्वागत किया, परंतु बिल को तुरंत राजभवन से वापस मंगा कर, इसे संशोधित कर भेजने की मांग भी की गई।

यह भी पढ़ें: पूर्ति विभाग के गोदामों में ही नहीं चावल का स्टॉक

जिसमें विलुप्त किए खंडों को दोबारा  जोड़ा जाए। संशोधन ना होने तक संघर्ष जारी रखने को निर्णय किया। समाज के विभिन्न वर्गों राजनीतिक दलों, अभिभावकों, छात्रों द्वारा मिले समर्थन का का भी आभार किया गया। शिक्षकों व शिक्षणेत्तर वर्ग के हितो को संरक्षित करने के लिए सतत संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में आगे की रणनीति पर भी विस्तृत रूप से चर्चा हुई।

यह भी पढ़ें: कोरोना को हरा दिया तो न समझें कि खतरा टल गया, जानिए क्या है डॉक्टरों की सला

chat bot
आपका साथी