उत्तराखंड में 36 स्थानों पर ध्वनि, सात स्थानों पर वायु प्रदूषण की होगी जांच; जानिए क्या होंगे पैरामीटर

प्रदूषण की जांच के लिए नोएडा टेस्टिंग लैबोरेटरी का चयन किया गया है। ध्वनि प्रदूषण की जांच उत्तराखंड के छह शहरों में 36 स्थानों पर जबकि वायु प्रदूषण की जांच सात स्थानों पर की जानी है। जानिए जांच किन पैरामीटर पर होंगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:34 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:34 AM (IST)
उत्तराखंड में 36 स्थानों पर ध्वनि, सात स्थानों पर वायु प्रदूषण की होगी जांच; जानिए क्या होंगे पैरामीटर
उत्तराखंड में 36 स्थानों पर ध्वनि, सात स्थानों पर वायु प्रदूषण की होगी जांच; ये होंगे पैरामीटर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के मद्देनजर ध्वनि व वायु प्रदूषण की थर्ड पार्टी जांच का कार्यक्रम तय कर दिया है। प्रदूषण की जांच के लिए नोएडा टेस्टिंग लैबोरेटरी का चयन किया गया है। ध्वनि प्रदूषण की जांच प्रदेश के छह शहरों में 36 स्थानों पर, जबकि वायु प्रदूषण की जांच सात स्थानों पर की जाएगी।

दीपावली पर प्रदूषण की जांच को लेकर दैनिक जागरण ने 21 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। खबर में बताया गया था कि दीपावली के करीब आने पर अब तक बोर्ड की तरफ से थर्ड पार्टी जांच को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई जा रही। खबर का संज्ञान लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने तत्काल प्रभाव से थर्ड पार्टी जांच के टेंडर खोल दिए थे और अब जांच का पूरा कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।

पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के मुताबिक ध्वनि प्रदूषण की जांच देहरादून समेत छह शहरों के 36 स्थानों पर 29 अक्टूबर व चार नवंबर को शाम छह बजे से रात 12 बजे तक की जाएगी। वहीं, वायु प्रदूषण की जांच संबंधित शहरों के साथ स्थानों पर 28 अक्टूबर से 11 नवंबर तक की जाएगी। वायु गुणवत्ता की जांच 24 घंटे की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण की जांच के लिए कंपनी को प्रति स्टेशन 6300 रुपये और वायु प्रदूषण की जांच के लिए प्रति स्टेशन 16 हजार 767 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

इन शहरों में की जाएगी प्रदूषण की जांच

देहरादून (दो स्टेशन), ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर व हल्द्वानी।

वायु गुणवत्ता की जांच में यह होंगे पैरामीटर

एसओटू (सल्फर डाईआक्साइड)

एनओएक्स (नाइट्रोजन डाईआक्साइड)

पीएम-10 व पीएम-2.5

मेटल (पीएम-10 में) लैड, निकिल, आर्सेनिक।

मेटल (पीएम-2.5 में) एल्यूमिनियम, बेरियम, आयरन।

ध्वनि प्रदूषण की जांच में यह निर्देश

ध्वनि प्रदूषण की जांच आवासीय, कमर्शियल व संवेदनशील क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से की जाएगी। ताकि स्पष्ट हो सके कि दीपावली से पहले व दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण में कितने डेसिबल का इजाफा हुआ है।

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