उत्‍तराखंड में हड़ताली कर्मचारियों पर कार्य नहीं, तो वेतन नहीं लागू

उत्‍तराखंड में सरकार ने कर्मचारी संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन हड़ताल व कार्य बहिष्कार को देखते हुए सख्त कदम उठाया है। प्रदेश की सभी राज्याधीन सेवाओं में कार्य नहीं तो वेतन नहीं (नो वर्क नो पे) का सिद्धांत लागू कर दिया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:45 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:45 PM (IST)
उत्‍तराखंड में हड़ताली कर्मचारियों पर कार्य नहीं, तो वेतन नहीं लागू
कर्मचारी संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन, हड़ताल व कार्य बहिष्कार को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन, हड़ताल व कार्य बहिष्कार को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। प्रदेश की सभी राज्याधीन सेवाओं में कार्य नहीं, तो वेतन नहीं (नो वर्क, नो पे) का सिद्धांत लागू कर दिया गया है। मुख्य सचिव एसएस संधु द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन अथवा हड़ताल करना राज्य कर्मचारी सेवा नियमावली के अंतर्गत प्रतिबंधित है। यह स्पष्ट किया गया है कि जो भी कर्मचारी हड़ताल पर जाएगा, उसका वेतन काटा जाएगा। हड़ताल व कार्य बहिष्कार की स्थिति में अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़ किसी भी कार्मिक का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। इस अवधि में जो कर्मचारी कार्यालय में आएंगे, उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

प्रदेश में इस समय विभिन्न कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। मंगलवार से सचिवालय संघ ने भी सचिवालय प्रशासन के साथ मांगों पर बनी सहमति के बावजूद शासनादेश जारी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसके तहत सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं। इससे सचिवालय में कार्य प्रभावित रहा। इसे देखते हुए शासन ने देर शाम कार्य नहीं, तो वेतन नहीं का आदेश जारी कर दिया। मुख्य सचिव द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को जारी आदेश में कहा है कि शासन द्वारा विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों पर समय-समय पर वार्ता करते हुए मांगों को स्वीकार किया गया है। बावजूद इसके कुछ संगठन कार्य बहिष्कार, प्रदर्शन अथवा हड़ताल कर रहे हैं, जो जनहित में नहीं है। इसके अलावा कार्य करने के इच्छुक कार्मिकों के कार्य करने में भी बाधा पहुंचाई जाती है। यह एक दंडनीय अपराध है।

ऐसे में हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। यदि किसी कार्यदिवस पर पूर्ण बहिष्कार के स्थान पर घंटों का बहिष्कार किया जाता है तो कार्य बहिष्कार के आठ घंटों को एक कार्य दिवस मानते हुए कुल बहिष्कार किए गए घंटों की गणना कर कटौती की जाएगी। सभी विभागाध्यक्षों को यह भी कहा गया है कि कार्यालयों में उपस्थिति की कड़ाई से जांच की जाए। जो कर्मचारी उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करने के बाद भी कार्य नहीं करते, उन्हें भी हड़ताल में शामिल माना जाए।

chat bot
आपका साथी