चुनौती के बीच कूड़ा उठान के समय को लेकर मंथन

राजधानी देहरादून में असल समस्या ये है कि मौजूदा समय में कूड़ा उठान का कोई वक्त तय ही नहीं है। पिछले चार साल से कूड़ा उठान कर रही कंपनी ने शहर की दुर्गति की हुई है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 04:44 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 04:44 PM (IST)
चुनौती के बीच कूड़ा उठान के समय को लेकर मंथन
चुनौती के बीच कूड़ा उठान के समय को लेकर मंथन

देहरादून, [जेएनएन]: दून शहर में कूड़ा उठान का समय हाईकोर्ट की ओर से तय करने के बाद नगर निगम और जिला प्रशासन मंथन में जुट गए हैं। असल में समस्या ये है कि मौजूदा समय में कूड़ा उठान का कोई वक्त तय ही नहीं है। पिछले चार साल से कूड़ा उठान कर रही कंपनी ने शहर की दुर्गति की हुई है। निगम की तरफ से नई कंपनी को जिम्मेदारी तो दे दी गई है मगर अभी तक नई कंपनी से काम शुरू ही नहीं किया। वह अभी डेढ़ से दो महीने का वक्त मांग रही है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश का पालन कैसे होगा, यह चुनौती बन गया है। क्योंकि, हाईकोर्ट ने निगम को गर्मियों में कूड़ा उठान सुबह पांच बजे एवं सर्दियों में सुबह सात बजे से पूर्व करने के आदेश दिए हैं। 

वर्ष 2011 तक शहर में जहां देखो वहीं कूड़ा फेंक दिया जाता था पर 11 अगस्त में जेएनएनयूआरम के तहत डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का काम शुरू किया गया। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के तहत यह काम डीवीडब्लूएम को मिला। शुरुआत में कंपनी को 15 वार्ड दिए, बाद में पूरे साठ वार्ड दे दिए गए। कंपनी द्वारा तीन चरण में 45 वार्डों से कूड़ा कलेक्शन के लिए 42 टाटाऐस वाहन खरीदे, मगर चौथे चरण में कोई वाहन खरीदा ही नहीं गया, जबकि वार्ड पूरे 60 कंपनी के पास आ गए। 

निगम सूत्रों की मानें तो डीवीडब्लूएम ने 45 वार्ड की जिम्मेदारी तक तो ठीक व्यवस्था निभाई मगर इसके बाद कंपनी बेपटरी होती चली गई। तमाम विरोध होने पर मार्च-2014 में नगर निगम द्वारा कंपनी से करार तोड़ लिया गया और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया। हालात ये हो गए कि जहां कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था जैसे-तैसे चल रही थी, वहां भी ठप पड़ती चली गई। 

इन दिनों गाड़ियों हफ्तेभर तक गली व मोहल्लों में नहीं पहुंच रही जबकि निगम के अधिकारी दावा कर रहे कि कूड़ा उठान डीवीडब्ल्यूएम से बेहतर हो रहा है। निगम कर्मी अफसरों को गच्चा देकर काम के दावे कर रहे हैं मगर हकीकत गंदगी के ढेर बयां कर रहे हैं। वीवीआइपी इलाका यमुना कालोनी हो या फिर नेशविला रोड या पटेलनगर। हर तरफ गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है। 

कूड़ा उठान का समय तय नहीं 

कूड़ा उठान बेपटरी की एक वजह समय से काम न करना भी है। कर्मचारी सुबह के बजाए दोपहर में कूड़ा उठाने निकलते हैं व जब तक वे कूड़ा उठाते हैं तब तक दोपहर का कूड़ा डंप होना शुरू हो जाता है। पुराने कूड़े के उठते-उठते ही नया कूड़ा शहर में पड़ चुका होता है। ऐसे में शहर कभी भी साफ नजर ही नहीं आता। 

कूड़ा उठता नहीं, फिर भी नोटिस 

हद तो यह है कि अब निगम लोगों को जुर्माने का नोटिस भेज रहा है कि जो कूड़ा कलेक्शन शुल्क नहीं देते, उन पर पांच सौ रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। सवाल ये है कि जिन क्षेत्रों से कूड़ा कलेक्शन ही नहीं हो रहा, जहां नगर निगम की गाड़ियां नहीं जा रही, वे लोग जुर्माना क्यों भरें। नोटिस को लेकर आमजन परेशान हैं। निगम लोगों को नोटिस भेजकर जुर्माने की चेतावनी देने में लगा हुआ है जबकि लोगों का दावा है कि उनके घर तक गाड़ी आती ही नहीं। ये लोग शिकायतें कर रहे हैं लेकिन निगम के अफसर नींद में धड़ाधड़ नोटिस दे रहे हैं। नोटिस में चेतावनी है कि कूड़ा कलेक्शन के मासिक 50 रुपये न देने पर 500 रुपये जुर्माना ठोका जाएगा। 

जीपीएस लगाने के दावे भी हवाई 

डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की गाडिय़ों के संचालन को लेकर धींगामुश्ती पर जल्द अंकुश लगाने के दावे भी हवाई साबित हो रहे हैं। दरअसल गाड़ी चालक कूड़ा उठाने जाते ही नहीं लेकिन रेकार्ड में दर्ज होता है कि वह काम पर गए थे। पेट्रोल व डीजल की पर्ची भी जमा करा दी जाती है, जबकि गाड़ी चलती ही नहीं। घपले को रोकने के लिए गाड़ियों में जीपीएस लगाने का दावा किया गया था, लेकिन यह भी हवा हवाई साबित हुआ। 

ये है निगम की सफाई व्यवस्था 

60 वार्ड, दस सफाई निरीक्षक, 60 सुपरवाइजर, 636 नियमित सफाई कर्मी, 120 संविदा सफाई कर्मी व 310 एजेंसी कर्मी। नाला गैंग के 60 कर्मियों के साथ 610 मोहल्ला स्वच्छता समिति कर्मचारी। छह टैक्ट्रर नालों की सफाई के लिए। एक टीएमएक्स मशीन बड़े नालों की सफाई के लिए। 

सॉलिड वेस्ट प्लांट के दावे हवाई 

नगर निगम पिछले दस साल से दावा कर रहा था कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के शुरू होते ही दून शहर को कूड़े-गंदगी से पूरी तरह निजात मिल जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। स्थिति ऐसी है कि प्लांट चला रही कंपनी अपनी मनमानी कर रही है और निगम अधिकारी कंपनी की 'जी-हूजूरी' से बाज नहीं आ रहे।  

आयुक्त ने किया शहर का निरीक्षण 

हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे ने मंगलवार को शहर में निरीक्षण कर कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट का जायजा लिया। कहीं गंदगी और कूड़ा बिखरा मिला तो कहीं साफ। आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल इन स्थानों को साफ कराने के निर्देश दिए और लापरवाह कर्मियों का वेतन काटने को भी कहा। आयुक्त ने बताया कि चार अक्टूबर तक हाईकोर्ट में रिपोर्ट देनी है कि निगम कूड़े का उठान कब और कैसे करेगा। 

यह भी पढ़ें: सीएम ने हरिद्वार नगर निगम के अधिकारियों को लगार्इ कड़ी फटकार, ये है वजह

यह भी पढ़ें: 'अंधेर' नगर निगम, 'चौपट' सफाई व्यवस्था, स्वच्छता सर्वेक्षण ने खोली पोल

यह भी पढ़ें: कोर्ट कमिश्नर ने देखी हरिद्वार में गंगा घाटों पर सफाई की हकीकत

chat bot
आपका साथी