उत्तराखंड: प्रधानाचार्य के रिक्त पद सीधी भर्ती से भरने पर निर्णय नहीं, जानिए वजह

उत्तराखंड के सरकारी इंटर कालेजों को मुखिया नहीं मिल पा रहे हैं। इन कालेजों में प्रधानाचार्यों के करीब एक हजार पद रिक्त हैं। पदोन्नति का पद होने की वजह से इन पदों को भरने में अड़चन बनी हुई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 12:46 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 12:46 PM (IST)
उत्तराखंड: प्रधानाचार्य के रिक्त पद सीधी भर्ती से भरने पर निर्णय नहीं, जानिए वजह
प्रधानाचार्य के रिक्त पद सीधी भर्ती से भरने पर निर्णय नहीं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी इंटर कालेजों को मुखिया नहीं मिल पा रहे हैं। इन कालेजों में प्रधानाचार्यों के करीब एक हजार पद रिक्त हैं। पदोन्नति का पद होने की वजह से इन पदों को भरने में अड़चन बनी हुई है। इसे दूर करने के लिए सीधी भर्ती से पदों को भरने के प्रस्ताव को अब तक सरकार मंजूर नहीं कर पाई है। प्रदेश में राजकीय इंटर कालेजों और राजकीय हाइस्कूलों की दशा-दिशा सुधारने पर सरकार का जोर तो है, लेकिन यह कार्य बगैर मुखिया के मुमकिन नहीं है। ये कालेज कामचलाऊ प्रधानाचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। नीतिगत फैसलों में देरी होने का असर शिक्षा की गुणवत्ता पर भी दिखाई दे रहा है। 

दरअसल प्रदेश में 1300 से ज्यादा राजकीय इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों के करीब 1000 पद रिक्त हैं। हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति से इन पदों को भरने की व्यवस्था लागू है। इंटर कालेजों की तुलना में राजकीय हाईस्कूलों की संख्या कम है। इस वजह से पदोन्नति से प्रधानाचार्यों के शत-प्रतिशत पद लंबे अरसे से भरे नहीं जा रहे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पदोन्नति के पदों को छोड़कर प्रधानाचार्यों के शेष पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रस्ताव तैयार कर विभाग ने शासन को भेजा।

दो साल से ज्यादा गुजरने के बावजूद यह प्रस्ताव लंबित है। कार्मिक ने भी इस पर सरकार को निर्णय नहीं दिया है। ऐसे में प्रधानाचार्यों के पद रिक्त रहना तय है। इसीतरह हाईस्कूल प्रधानाध्यापक के 550 पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने में भी दिक्कत पेश आ रही है। दरअसल प्रदेश में एलटी और प्रवक्ता शिक्षकों की वरिष्ठता का मसला उलझा हुआ है। 

शासन स्तर पर इसे सुलझाने की कसरत शुरू हो चुकी है। इसमें वक्त लगना तय है। ऐसे में प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की पदोन्नति लटकी हुई है। शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद सुलझने पर ही पदोन्नति की कार्यवाही प्रारंभ हो सकेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने विभाग के आला अधिकारियों को पदोन्नति के प्रकरणों को तेजी से निस्तारित करने और इससे संबंधित मसलों पर जल्द नीति संबंधी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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