एनएचएम की मिशन निदेशक स्कॉच अवॉर्ड से सम्मानित, इन प्रयासों के लिए हुई सम्मानित
एनएचएम की मिशन निदेशक सोनिका को स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित स्कॉच अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें सिल्वर श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार गर्भवती महिलाओं को 104 हेल्पलाइन के माध्यम से प्रसव पूर्व देखभाल की उपलब्धता के संदर्भ में किए गए उनके प्रयासों के लिए दिया गया।
देहरादून, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक सोनिका को स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित स्कॉच अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें सिल्वर श्रेणी में पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार गर्भवती महिलाओं को 104 हेल्पलाइन के माध्यम से प्रसव पूर्व देखभाल की उपलब्धता के संदर्भ में किए गए उनके प्रयासों के लिए दिया गया।
बता दें कि स्कॉच अवार्ड निजी क्षेत्र का सामाजिक सेवा से जुड़े विषयों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है। पुरस्कार की घोषणा बुधवार को एक वेबिनार के माध्यम से की गई, जिसमें बताया गया कि एनएचएम मिशन निदेशक ने 104 हेल्पलाइन को स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और लाभार्थियों को समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनाने में विशेष योगदान दिया है। बताया गया कि एनएचएम मिशन निदेशक की कमान संभालते ही सोनिका ने 104 हेल्पलाइन के माध्यम से आशाओं और एएनएम को जोड़ा।
साथ ही आरसीएच पोर्टल पर पंजीकृत समस्त गर्भवती महिलाओं से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें मिलने वाली सेवाओं की निगरानी शुरू की।उन्होंने आशाओं और एएनएम को गर्भवती महिलाओं के घरों तक पहुंचने के निर्देश दिए। ताकि उन्हें आयरन फॉलिक एसिड टैबलेट और अन्य दवाएं समय पर और निर्धारित मात्रा में मिल सकें। जानकारी के अनुसार जून-जुलाई के दौरान करीब 41541 कॉल की गई।
भ्रष्टाचार खत्म करने की ली शपथ
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) की ओर से सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार को खत्म करने की शपथ ली। क्षेत्रीय निदेशक एसके तंवर ने कर्मचारियों को रिश्वत न लेने और न देने के प्रति सजग किया। साथ ही निष्ठापूर्ण तरीके से दैनिक कार्यों को पूरा करने और कार्य में पारदर्शिता की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहहा कि अगर कोई कर्मचारी रिश्वत लेते या देते हुए पाया जाता है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को उपलब्ध कराई जाए। दो नवंबर तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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