पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला से बनेगी पिथौरागढ़ की जेल, पढ़िए पूरी खबर

पिथौरागढ़ में अधूरी पड़ी जेल का अब नए सिरे से निर्माण किया जाएगा। इस बार इसे पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला के अनुसार बनाया जाएगा।

By Edited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 08:35 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 03:21 PM (IST)
पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला से बनेगी पिथौरागढ़ की जेल, पढ़िए पूरी खबर
पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला से बनेगी पिथौरागढ़ की जेल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में अधूरी पड़ी जेल का अब नए सिरे से निर्माण किया जाएगा। इस बार इसे पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला के अनुसार बनाया जाएगा। इसके साथ ही यहां अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास भी बनाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने कारागर भवन में प्राकृतिक रोशनी का प्रविधान रखने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। दरअसल, प्रदेश में इस समय कैदियों की संख्या जेलों की क्षमता से कहीं अधिक है। इसके लिए नई जेलों का निर्माण करना आवश्यक हो गया है। इसे देखते हुए सचिवालय में हुई बैठक में नई जेलों के संबंध में चर्चा की गई। बताया गया कि पिथौरागढ़ में जेल बनाने के लिए भूमि चिह्नित कर ली गई थी।

इसमें कुछ निर्माण भी है लेकिन विभिन्न कारणों के चलते ये पूरे नहीं हो पाए। अब गृह एवं कारागार विभाग ने मुख्य सचिव के सामने यहां नए सिरे से जेल बनाने का निर्णय लिया। इसे पर्वतीय शैली के हिसाब से बनाया जाएगा व यहां बंदियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बैरकों का निर्माण भी किया जाएगा। जेलों में मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण को स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से चिकित्सकों को रखने पर भी चर्चा की गई। 

बताया गया कि पिथौरागढ़ जिला कारागार निर्माण परियोजना की लागत 29.30 करोड़ है। इसका निर्माण उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम करेगा। इस परियोजना के तहत 407.40 लाख के तहत टाइप वन के चार आवास, मुख्य प्राचीर 422 मीटर व आंतरिक प्राचीर 363 मीटर का निर्माण किया गया है।

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60 पुरुष, 20 महिला बंदियों की क्षमता वाली बैरक, टॉयलेट ब्लॉक, किशोर बैरक, एकांत कोठरी, किचन, हॉस्पिटल, प्रशासनिक ब्लाक, साक्षात्कार शेड कैंप व पार्किंग का प्रविधान किया गया है। टाइप तीन के चार कमरे व टाइप दो के 10 कमरे व टॉयलट ब्लॉक का प्राविधान किया गया है। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या की आवश्यकता व गंभीरता को देखते हुए विभाग से प्रस्ताव भी आमंत्रित किए गए हैं।

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