पहलवान लाभांशु को नेपाल की संस्था ने किया सम्‍मानित

तीर्थनगरी ऋषिकेश निवासी कुश्ती खिलाड़ी लाभांशु शर्मा को नेपाल के गांधी पीस फाउंडेशन की ओर से हॉनरेरी डॉक्टर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उन्हें समाज में बढ़ रहे तनाव के बीच शांति व सद्भावना का संदेश देने के लिए प्रदान की।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:21 PM (IST)
पहलवान लाभांशु को नेपाल की संस्था ने किया सम्‍मानित
तीर्थनगरी ऋषिकेश निवासी कुश्ती खिलाड़ी लाभांशु शर्मा को सम्मानित किया गया है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश निवासी मशहूर कुश्ती खिलाड़ी लाभांशु शर्मा को नेपाल के गांधी पीस फाउंडेशन की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। युवा पहलवान लाभांशु शर्मा अब तक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में कई पदक प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही वह विश्व शांति कार्यकत्र्ता के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।

विगत वर्ष दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान बढ़ रहे आपसी तनाव को कम करने के लिए लाभांशु शर्मा ने ङ्क्षहदू और मुस्लिम समाज के बीच जाकर एकता के लिए बैठकें की, उनके प्रयासों से ङ्क्षहदू-मुस्लिम समुदायों के नागरिकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर सद्भाव का संदेश दिया था। उनके इसी कार्य को महात्मा गांधी के जीवन आदर्श, मूल्यों, शांति, अङ्क्षहसा और मानवता का संदेश देने का काम मानते हुए नेपाल स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान (गांधी पीस फाउंडेशन) ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया है।

लाभांशु शर्मा विगत वर्ष कोरोना काल से पूर्व विश्व शांति का संदेश लेकर 100 देशों की यात्रा पर निकले थे। जब वह 32 देशों की यात्रा कर चुके थे तब कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैलने लगा और उन्हें यह शांति यात्रा बीच में ही छोड़ कर वापस आना पड़ा था। लाभांशु शर्मा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों बहादुरी पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। लाभांशु शर्मा का अगला मिशन ऋषिकेश से लंदन तक की सबसे बड़ी बस यात्रा का है। 

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यह यात्रा इस वर्ष जून माह में प्रस्तावित थी। मगर, कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के चलते फिलहाल इस यात्रा की संभावनाएं नहीं बन रही हैं। लाभांशुु शर्मा ने बताया कि गांधी पीस फाउंडेशन की ओर प्रदान मानद उपाधि को लेकर हुए गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शांति और सद्भावना के लिए वह अब और इच्छाशक्ति व दृढ़ता के साथ काम करेंगे।

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