राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल निजी दौरे पर पहुंचे ऋषिकेश, कल पैतृक गांव होंगे रवाना

NSA Ajit Doval राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल निजी कार्यक्रम के तहत शाम सात बजकर 45 पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज से मुलाकात की। कल वे अपने पैतृक गांव रवाना होंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:29 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:27 PM (IST)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल निजी दौरे पर पहुंचे ऋषिकेश, कल पैतृक गांव होंगे रवाना
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल आज पहुंचेंगे ऋषिकेश।

ऋषिकेश, जेएनएन। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) निजी कार्यक्रम के तहत शाम सात बजकर 45 पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंदमुनि महाराज से मुलाकात की। उनके आगमन को लेकर परमार्थ निकेतन में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। परमार्थ निकेतन में किसी को भी मुख्य गेट के भीतर प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। सिर्फ आश्रम के सेवक ही भीतर हैं। आश्रम और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। आपको बता दें कि अजित डोभाल को गंगा आरती में शामिल होना था, लेकिन देरी से पहुंचने के चलते वे शामिल नहीं  हो पाए। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को वह अपने पैतृक गांव के लिए रवाना होंगे। 

एनएसए अजित डोभाल का यह कार्यक्रम बेहद निजी और गोपनीय है। कोई भी अधिकारी उनके कार्यक्रम को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। उनके आगमन को लेकर परमार्थ निकेतन में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही।अजित डोभाल शाम सात बजे परमार्थ निकेतन(Parmarth Niketan)पहुंचे, जिसके चलते वे संध्याकालीन गंगा आरती में शिरकत नहीं कर पाए। बता दें विश्वव्यापी महामारी कोरोना संक्रमण के चलते परमार्थ निकेतन में करीब सात माह बाद गंगा आरती बुधवार से शुरू हुई है। 

अभी परमार्थ आश्रम बाहर से आने वाले आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी जिला निवासी एनएसए अजित डोभाल का परिवार लंबे समय से परमार्थ निकेतन से जुड़ा रहा है। पूर्व में उनकी पत्नी भी परमार्थ निकेतन की गंगा आरती में शिरकत कर चुकी हैं।

रुड़की में भी व्यवस्था चाक-चौबंद 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल दिल्ली से ऋषिकेश जाएंगे। इसे लेकर रुड़की में भी पुलिस अलर्ट रही। शहर में जैमर लगी एक कार भी घूमती रही। रुड़की में उनके रुकने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उनका काफिला दिल्ली से सीधा रुड़की होते हुए ऋषिकेश पहुंचा। इसके लिए हाईवे से यातायात को सुचारू किया गया। सड़क किनारे खड़े वाहनों को भी हटाया गया, जिससे कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।

एक नजर में...

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के घिंडी गांव में 1945 में अजित डोभाल का जन्म हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी हुई, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आइपीएस की तैयारी में लग गए।

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कड़ी मेहनत के बल पर वह केरल कैडर से 1968 में आइपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि आइबी के चीफ के पद से रिटायर हुए। अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के घिड़ी गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आइपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वह केरल कैडर से 1968 में आइपीएस के लिए चुन लिए गए। अजीत डोभाल 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि आइबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं।

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