राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आज से

उत्तराखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। यह कार्यक्रम आगामी एक अक्टूबर तक चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक सोनिका व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती स्वास्थ्य महानिदेशालय में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:14 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:14 PM (IST)
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आज से
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम आज से

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। यह कार्यक्रम आगामी एक अक्टूबर तक चलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक सोनिका व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती स्वास्थ्य महानिदेशालय में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी।

स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। यह गतिविधि साल में दो बार की जाती है। जिसके अंतर्गत एक से 19 साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा (एल्बेंडाजाल) दी जाती है। इस साल पहला चरण 25 सितंबर से एक अक्टूबर तक किया जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण के कारण यह गतिविधि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं की जाएगी। इसके स्थान पर आशाएं व एएनएम घर-घर जाकर बच्चों व किशोर-किशोरियों को कृमिनाशक दवा देंगी।

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एनएचएम की मिशन निदेशक सोनिका ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शारीरिक व मानसिक विकास और जीवन में सुधार के लिए उन्हें कृमि मुक्त किया जाना आवश्यक है। कहा कि कृमि संक्रमण का बच्चों के स्वास्थ्य और उनके संपूर्ण विकास पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में एक से 14 साल तक की आयु के 22 करोड़ से भी अधिक बच्चों को कृमि संक्रमण का खतरा बना हुआ है। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल दवाई का सेवन एक सुरक्षित, लाभदायक व प्रभावी उपाय है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया ने बताया कि राज्य में एक से 19 साल तक के 43.03 लाख बच्चों को कृमि मुक्त किए जाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।

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