होर्डिंग कारोबारियों के लिए बिछा दी रेड कारपेट, निर्धारित धनराशि में 20 फीसद की छूट का फैसला

नगर निगम ने होर्डिंग के नए टेंडर न उठने का हवाला देकर निर्धारित धनराशि में 20 फीसद की छूट देने का फैसला किया है। इसका सीधा मतलब है कि निगम की ओर से होर्डिंग कारोबारियों को करीब पौने तीन करोड़ रुपये की राहत देने को यह खेल हो रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 10:02 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 10:02 AM (IST)
होर्डिंग कारोबारियों के लिए बिछा दी रेड कारपेट, निर्धारित धनराशि में 20 फीसद की छूट का फैसला
होर्डिंग के 'खेल' में माहिर नगर निगम ने एक बार फिर होर्डिंग कारोबारियों के लिए रेड कारपेट बिछा दिया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। होर्डिंग के 'खेल' में माहिर नगर निगम ने एक बार फिर होर्डिंग कारोबारियों के लिए रेड कारपेट बिछा दिया है। होर्डिंग के नए टेंडर न उठने का हवाला देकर निगम ने निर्धारित धनराशि में बीस फीसद की छूट देने का फैसला कर लिया है। यानी, शहरी क्षेत्र के 184 होर्डिंग के लिए निगम ने जो 7.96 करोड़ रुपये दो साल का शुल्क तय किया था, वह लगभग पौने दो करोड़ रुपये कम हो जाएगा, जबकि शहर के बाहरी क्षेत्रों के लिए तय हुआ पांच करोड़ की धनराशि घटकर चार करोड़ रुपये रह जाएगी। सीधा मतलब है कि निगम की ओर से होर्डिंग कारोबारियों को लगभग पौने तीन करोड़ रुपये की राहत देने के लिए यह 'खेल' खेला जा रहा। नगर निगम प्रशासन के मुताबिक, बीते छह माह में दो बार टेंडर किए गए, लेकिन कोई कंपनी इसे नहीं उठा रही। ऐसे में अब पुरानी कंपनी को ही लाभ देने के लिए एक से डेढ़ माह के लिए काम करने का वर्क आर्डर दिया जाएगा, वह भी बीस फीसद छूट के साथ। इस दौरान टेंडर तीसरी बार फिर निकाले जाएंगे।

बिना वर्क आर्डर छह माह से होर्डिंग की रकम हड़प रही कंपनी

नगर निगम ने वर्ष 2015 में होर्डिंग के दो साल के टेंडर किए थे। दिल्ली की एक कंपनी को टेंडर मिला। वर्ष-2017 में टेंडर फिर होने थे, लेकिन सांठगांठ के 'खेल' में निगम अधिकारियों ने पुरानी कंपनी को ही पुरानी धनराशि 5.40 करोड़ में दस फीसद की बढ़ोत्तरी कर टेंडर नवीनीकृत कर दिया। इसके बाद वर्ष 2019 में भी यही किया व अब दोबारा उसी कंपनी को लाभ पहुंचाने की तैयारी चल रही। स्थिति यह है कि नगर निगम ने एक अप्रैल-2021 से होर्डिंग को लेकर वर्क आर्डर ही नहीं दिया और कंपनी छह माह से अवैध रूप से होर्डिंग का धंधा कर रही। शहर में पर्याप्त होर्डिंग लगाए जा रहे और निगम को चवन्नी भी नहीं मिली। मामला खुलने पर निगम प्रशासन कंपनी से मोलतोल कर तीन महीने का शुल्क देने की मांग कर रहा, लेकिन कंपनी ने इनकार कर दिया। यह रकम करीब सवा तीन करोड़ हो रही, जिसे कंपनी हड़प गई।

स्वच्छता समिति का मानदेय बढ़ाया

महापौर सुनील उनियाल गामा ने मोहल्ला स्वच्छता समिति व नाला गैंग के तहत काम कर रहे स्वच्छता कर्मियों का मानदेय बढ़ाने के आदेश दिए हैं। पहले रोजाना के हिसाब से कर्मचारियों को 275 रुपये भुगतान किया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 350 रुपये किया गया है। इससे निगम के 1300 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को लाभ मिलेगा।

बेसहारा गोवंश से कृत्रिम गर्भाधान

निगम कार्यकारिणी ने अपने गो-सदन में रखी जा रहीं गाय के कृत्रिम गर्भाधान की मंजूरी दी है। वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. डीसी तिवारी ने बताया कि नगर निगम के शंकरपुर स्थित गोसदन में रखे गोवंश पर यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके अंतर्गत सिर्फ बछिया का जन्म होगा।

कार्यकारिणी बैठक के अन्य फैसले आक्रामक व रैबीज के लक्षण वाले आवारा कुत्तों को रखने के लिए बनाया जाएगा नया शेल्टर। संस्थान के माध्यम से होगा संचालन। साईं मंदिर के पीछे नगर निगम के 20 कमरों का किराया दो हजार रुपये प्रति कमरे से घटाकर किया डेढ़ हजार रुपये। तीन दुकानों का किराया तीन हजार रुपये प्रति दुकान से घटाकर किया डेढ़ हजार। केदारपुरम में बायो गैस प्लांट लगाने की मंजूरी। कांजी हाउस व डेयरियों के गोबर से बनाया जाएगा गोकाष्ट। श्मशान घाट में व अलाव के काम आएगा गोकाष्ट। हर वार्ड में पंद्रह दिन में स्ट्रीट लाइट से संबंधित समस्या दूर करने को तैनात रहेगा एक-एक लाइनमैन।

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