भवन कर में छूट की अंतिम सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई, मौजूदा वक्त में 20 करोड़ रुपये की वसूली
जनता को राहत देते हुए महापौर ने भवन कर में दी जा रही 20 फीसद छूट की अंतिम सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। यह सीमा मंगलवार को खत्म होने के बाद महापौर ने भवन कर की समीक्षा की और उसके बाद सीमा आगे बढ़ाने का फैसला किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: जनता को राहत देते हुए महापौर सुनील उनियाल गामा ने भवन कर में दी जा रही 20 फीसद छूट की अंतिम सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। यह सीमा मंगलवार को खत्म होने के बाद महापौर ने भवन कर की समीक्षा की और उसके बाद सीमा आगे बढ़ाने का फैसला किया। भवन कर वसूली को लेकर नवंबर में निगम प्रशासन ने वार्डो में शिविर भी लगाए। नतीजा यह रहा कि मौजूदा वक्त में 20 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
निगम प्रशासन हर साल समय से भवन कर चुकाने वालों को बीस फीसद की छूट देता है। इसकी अंतिम सीमा हर साल 31 दिसंबर तय की जाती थी, लेकिन इस साल विधानसभा चुनाव के लिए आचार-संहिता लागू होने की आशंका को देखते हुए नगर निगम ने यह सीमा पहले 31 अक्टूबर और फिर 30 नवंबर तय की थी। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक आचार-संहिता के प्रभावी होने की स्थिति में छूट की सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। चूंकि, मौजूदा समय में आचार संहिता प्रभावी नहीं हुई है, ऐसे में निगम ने छूट की सीमा एक माह के लिए और बढ़ाकर 31 दिसंबर निर्धारित कर दी है। वहीं, चिंता यह भी है कि कोरोना के कारण निगम को भवन कर की मद में तय लक्ष्य के अनुसार वसूली नहीं हुई है। चूंकि, निगम का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष 50 करोड़ से ऊपर भवन कर जमा करने का है, इसके कारण महापौर की ओर से छूट की सीमा में एक बार फिर राहत दी गई है। महापौर की ओर निगम प्रशासन को इस माह भवन कर वसूली के नए शिविर का शेड्यूल भी जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में चिकित्सकों के 379 पदों पर जल्द होगी भर्ती, 120 पद हैं आइसीयू डाक्टरों के
कुत्ते का लाइसेंस न होने पर नौ का चालान
शहर में पालतू कुत्तों का नगर निगम में पंजीकरण न कराने और लाइसेंस न लेने पर निगम के पशु चिकित्सा अनुभाग की ओर से मंगलवार को नौ पशु स्वामी का चालान किया गया। नगर निगम के वरिष्ठ नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. दिनेश चंद्र तिवारी ने बताया कि टीम ने पंडितवाड़ी एवं ¨रग रोड पर अभियान चलाया। इससे पहले रविवार को भी 50 पशु स्वामी का चालान निगम ने किया था। लाइसेंस न लेने पर 500 रुपये का चालान किया जा रहा। वहीं, चालान के डर से अब लोग निगम पहुंचकर पंजीकरण कराने में जुट गए हैं। मंगलवार को लगभग ढाई दर्जन पशु स्वामी ने अपने पालतू कुत्ते का पंजीकरण कराया।
यह भी पढ़ें- Devasthanam Board: सीएम पुष्कर धामी ने देवस्थानम बोर्ड को किया भंग, जानिए अब क्या होगा अगला कदम