NABARD ने उत्तराखंड को दी 2554 करोड़ रुपये की सहायता, पिछले साल मिली थी इतनी धनराशि

नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश को 2554.53 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। जिसमें 2545.50 करोड़ रुपये का ऋण और 9.03 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 14.03 फीसद ज्यादा है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:17 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 12:17 PM (IST)
NABARD ने उत्तराखंड को दी 2554 करोड़ रुपये की सहायता, पिछले साल मिली थी इतनी धनराशि
NABARD ने उत्तराखंड को दी 2554 करोड़ रुपये की सहायता।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश को 2554.53 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। जिसमें 2545.50 करोड़ रुपये का ऋण और 9.03 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 14.03 फीसद ज्यादा है। पिछले साल नाबार्ड ने प्रदेश को 2240.30 करोड़ की वित्तीय सहायता दी थी।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेंद्र मणि ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष की सहायता का मुख्य हिस्सा 1352.86 करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों को कम ब्याज पर दिया जाएगा। इसमें 926.25 करोड़ रुपये अल्प कालीन पुनर्वित्त, 426.61 करोड़ रुपये का दीर्घकालीन पुनर्वित्त शामिल है। इसके अलावा 655 करोड़ रुपये उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक और उधम सिंह नगर जिला सहकारी बैंक को सीधी पुनर्वित्त सहायता के रूप में प्रदान किया गया है। 

आधारभूत ढांचा विकास निधि (आरआइडीएफ) और वेयर हाउस ढांचा निधि (डब्ल्यूआइएफ) के तहत राज्य सरकार को 527.32 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड की ओर से आरआइडीएफ और माइक्रो इरिगेशन फंड के अंतर्गत 194 नए प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए गए। नाबार्ड ने पहली बार माइक्रो इरिगेशन फंड (प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना) के अंतर्गत 14.85 करोड़ का ऋण उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जिलों के 163 चाय बागानों में सिंचाई और फर्टिगेशन प्रबंधन के लिए स्वीकृत किया है। 

बताया कि नाबार्ड की कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजनाओं के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान आदिवासी विकास निधि के अंतर्गत देहरादून जिले के चकराता विकासखंड में एक नया प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष में और बेहतरी की उम्मीद जताई।

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