मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण नहीं बना पाया दून का नया मास्टर प्लान, पढ़िए पूरी खबर

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का दायरा दून शहर व कुछ ग्रामीण इलाकों की जगह पूरे जिले तक बढ़ गया है। बावजूद इसके वर्ष 1982-83 में अस्तित्व में आया एमडीडीए आज तक एक अदद मास्टर प्लान नहीं दे पाया। इस अवधि में मास्टर प्लान में कई संशोधन किए गए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 11:39 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 11:39 AM (IST)
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण नहीं बना पाया दून का नया मास्टर प्लान, पढ़िए पूरी खबर
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण नहीं बना पाया दून का नया मास्टर प्लान।

सुमन सेमवाल, देहरादून। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) का दायरा दून शहर व कुछ ग्रामीण इलाकों की जगह पूरे जिले तक बढ़ गया है। बावजूद इसके वर्ष 1982-83 में अस्तित्व में आया एमडीडीए आज तक एक अदद मास्टर प्लान नहीं दे पाया। इस अवधि में मास्टर प्लान में कई संशोधन किए गए, मगर क्षेत्र विशेष के हिसाब से विकास की दिशा दिखाने वाला जोनल प्लान कभी गायब रहा, तो कभी तमाम विसंगतियों ने इसका पीछा नहीं छोड़ा। अंत में जून 2018 में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एमडीडीए के मास्टर प्लान को निरस्त कर दिया। जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिलने के साथ मास्टर प्लान जरूर बहाल हो गया, मगर इसकी राह आज तक सुलभ नहीं हो पाई है। खामियों से भरे पुराने मास्टर प्लान की जगह दो साल पहले डिजिटल मास्टर प्लान तैयार करने की कवायद शुरू की गई थी, मगर प्लान का आज तक अता-पता नहीं है।

इसे राहत माना जा सकता है कि एमडीडीए के नए उपाध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद बृजेश कुमार संत ने सबसे पहले मास्टर प्लान का ही अपडेट लिया। डिजिटल मास्टर प्लान को इसलिए भी जल्द से जल्द लागू किया जाना जरूरी है, क्योंकि इसमें विभागीय रिकार्ड व धरातलीय स्थिति को बिना बदलाव के हूबहू दर्ज किया जाना है। जीआइएस आधारित नए मास्टर प्लान में यह भी स्पष्ट हो पाएगा कि राज्य गठन से पहले या उसके बाद दून में कितना अतिक्रमण हुआ और सड़क का कितना भाग कब्जा लिया गया। नालों-खालों के रुख में किए गए बदलाव भी नए प्लान में झट से पकड़ में आ सकेंगे।

55 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के सेटेलाइट चित्र मंगाए गए

वर्ष 2019 में तत्कालीन उपाध्यक्ष डा. आशीष श्रीवास्तव के कार्यकाल में डिजिटल मास्टर प्लान पर काम शुरू किया गया था। तब हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) से दून व मसूरी क्षेत्र के सेटेलाइट चित्र मंगा लिए गए थे। वहीं, राजस्व विभाग से खसरा नंबरों व सजरा मानचित्र के रिकार्ड को स्कैन कर लिया था। जिससे सेटेलाइट चित्रों व विभागीय रिकार्ड को आपस में मर्ज (सुपर इंपोज) कर दिया जाता। इस दिशा में काफी काम कर भी लिया गया है, मगर कोरोना संक्रमण के बाद दूसरे उपाध्यक्ष रणवीर सिंह चौहान के कार्यकाल में भी बात खास आगे नहीं बढ़ सकी।

2005-2025 के मास्टर प्लान की जगह लेगा नया प्लान

डिजिटल मास्टर प्लान वर्ष 2005-2025 तक लागू पुराने मास्टर प्लान की जगह लेगा। इसमें जोनल प्लान भी साथ-साथ और वास्तविक स्थिति के मुताबिक तैयार किया जा रहा है।

इस क्षेत्रफल के लिए तैयार हो रहा मास्टर प्लान

देहरादून, 37432.96 हेक्टेयर मसूरी, 17891.00 हेक्टेयर कुल, 55323.96 हेक्टेयर

बृजेश कुमार संत (उपाध्यक्ष, एमडीडीए) का कहना है कि डिजिटल मास्टर प्लान को जल्द लागू कराने के लिए प्राधिकरण के दोनों सचिव व अभियंताओं के साथ अन्य तकनीकी स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं। प्रयास किए जाएंगे कि जल्द प्लान पर काम पूरा कर जनता की आपत्तियां मांग ली जाए।

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