पर्वतीय जिलों में भी बनेंगी मोटर फिटनेस टेस्टिंग लेन

परिवहन विभाग प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भी वाहनों के लिए फिटनेस टेस्टिंग लेन बनाने की तैयारी कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और वाहनों की कम संख्या के मद्देनजर आटोमेटेड टेस्टिंग लेन के स्थान पर साधारण टेस्टिंग लेन बनाई जाएंगी।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:15 AM (IST)
पर्वतीय जिलों में भी बनेंगी मोटर फिटनेस टेस्टिंग लेन
परिवहन विभाग प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भी वाहनों के लिए फिटनेस टेस्टिंग लेन बनाने की तैयारी कर रहा है।

ब्यूरो, देहरादून: परिवहन विभाग प्रदेश के पर्वतीय जिलों में भी वाहनों के लिए फिटनेस टेस्टिंग लेन बनाने की तैयारी कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और वाहनों की कम संख्या के मद्देनजर आटोमेटेड टेस्टिंग लेन के स्थान पर साधारण टेस्टिंग लेन बनाई जाएंगी, जिनमें उच्च गुणवत्ता के उपकरण लगाए जाएंगे। इसके लिए तकनीकी अधिकारियों की तैनाती की जाएगी।

प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर वर्ष 2008 में किए गए सर्वे में सामने कि वाहन दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण वाहनों की सही प्रकार से फिटनेस न होना है। प्रदेश में अभी वाहनों की फिटनेस के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यहां अभी भी वाहनों की केवल देखकर ही जांच की जाती है। इसे देखते हुए विभाग ने आटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग लेन बनाने का निर्णय लिया। इस बीच केंद्र ने सभी प्रदेशों में टेस्टिंग लेन बनाने को 16.5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इससे प्रदेश सरकार ने हरिद्वार और हल्द्वानी में मोटर टेस्टिंग लेन बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए व्यवस्था बजट में की जा चुकी है। इनका निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही परिवहन विभाग ने ऊधमसिंह नगर और देहरादून में भी आटोमेटेड टेस्टिंग लेन बनाने का निर्णय लिया है। अब विभाग की योजना सभी पर्वतीय जिलों में टेस्टिंग लेन बनाने की है। दरअसल, आटोमेटेड टेस्टिंग लेन बनाने के लिए काफी जगह और अधिक बजट की जरूरत पड़ती है।

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पर्वतीय जिलों में समतल जगह ज्यादा नहीं हैं। यहां फिटनेस के लिए वाहन भी कम आते हैं। इसे देखते हुए यहां आटोमेटेड के स्थान पर साधारण फिटनेट टेस्टिंग लेन बनाने की योजना है, जो 500 वर्ग मीटर में भी बन सके। इसमें उपकरण जरूर उच्च स्तरीय लगाए जाएंगे। मकसद यह कि पर्वतीय मार्गों पर समय-समय पर वाहनों की फिटनेस भी जांची जा सके और दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। उप आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि इस योजना पर अभी काम चल रहा है, जल्द इसे धरातल पर उतारने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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