दो करोड़ से अधिक का घोटाला आया सामने, CSR फंड से मिले सामान को दर्शाया सरकारी खरीद में
स्कूल की आवश्यकता को मिली सहायता को सरकारी खरीद दर्शाकर दो करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया है। शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आने पर जिले का शिक्षा विभाग आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुट गया है।
हरिद्वार, अनूप कुमार। सीएसआर समेत सामाजिक संस्थाओं से स्कूल की आवश्यकता को मिली सहायता को सरकारी खरीद दर्शाकर दो करोड़ से अधिक का घोटाला किया गया है। शुरुआती जांच में यह जानकारी सामने आने पर जिले का शिक्षा विभाग आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुट गया है।
शुरुआती जांच रिपोर्ट हासिल होने के बाद सोमवार को आरोपित और संदेहास्पद विभागीय कर्मियों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। विभागीय मंत्री अरविंद पांडेय ने भी इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) डॉ. आनंद भारद्वाज की जांच को सही ठहराते हुए मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसके बाद विभाग प्रथमदृष्टया आरोपित पाए विभागीय अधिकारियों, प्रधानाचार्यों के खिलाफ एक्शन के मोड में आ गया है। सीईओ डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि मामले की शुरुआती जांच में सामने आया है कि जिले के कुछ ब्लॉक में तैनात अधिकारियों खासकर प्रधानाचार्यों ने सीएसआर फंड के करीब दो करोड़ की सहायता को सरकारी बजट में दर्शाया और बड़ी रकम की आपस में बंदरबांट कर ली। यह मामला कई वर्षों से चल रहा है, जांच अभी जारी है।
सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार ने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत औद्योगिक और व्यापारिक संस्थानों से मदद लेने की व्यवस्था बनाई है। इसके लिए जिलास्तर पर कोई ठोस व्यवस्था न होने के कारण शिक्षा विभाग में मनमर्जी से काम हो रहा है। प्रधानाचार्य और ब्लॉक स्तर के अधिकारी अपने स्तर से कंपनियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं-दानदाताओं, सामाजिक संस्थाओं से सीधे संपर्क इस फंड लेकर आवश्यकताओं की पूर्ति कर ले रहे हैं। इसकी जानकारी न तो जिला प्रशासन को और न ही विभाग को दे रहे हैं।
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नेता, व्यापारिक, प्रशासनिक गठजोड़ का नतीजा यह घोटाला
शिक्षा विभाग का सीएसआर फंड घोटाला औद्योगिक इकाईयों, प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षक और राजनेताओं गठजोड़ का परिणाम बताया जा रहा है। आरोप है कि यह गठजोड़ जिले में पिछले कई वर्षों से इसको अंजाम दे रहा था, पकड़ में अब आया है।
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