Monsoon: उतार-चढ़ाव के साथ उत्‍तराखंड से मानसून की विदाई, जानिए पूरे सीजन में कितनी फीसद कम हुई बारिश

उत्तराखंड में आज से मानसून के विदा होने का क्रम शुरू हो रहा है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भी एक से दो दिन में मानसून पूर्ण रूप से अलविदा कह देगा। एक जून से शुरू मानसून सीजन में इस बार काफी विविधता रही।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 12:37 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 12:37 PM (IST)
Monsoon: उतार-चढ़ाव के साथ उत्‍तराखंड से मानसून की विदाई, जानिए पूरे सीजन में कितनी फीसद कम हुई बारिश
उत्तराखंड में भी एक से दो दिन में मानसून पूर्ण रूप से अलविदा कह देगा।

देहरादून, जेएनएन। देश में आज से मानसून के विदा होने का क्रम शुरू हो रहा है। इसके साथ ही उत्तराखंड में भी एक से दो दिन में मानसून पूर्ण रूप से अलविदा कह देगा। एक जून से शुरू मानसून सीजन में इस बार काफी विविधता रही। उत्तराखंड में ज्यादातर जिले मानसून की बारिश का मुंह ताकते रहे। हालांकि, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चमोली में बारिश आफत बनकर बरसी। ओवरऑल प्रदेश में पूरे सीजन में 20 फीसद कम बारिश दर्ज की गई। इसमें कुछ जिले ऐसे भी रहे जहां सामान्य से 50 फीसद कम बारिश हुई।

असामान्य उतार-चढ़ाव के साथ अब मानसून की विदाई का वक्त आ गया है। इस बार मानसून ज्यादातर जिलों में रूठा रहा। हालांकि, कुछ जिले ऐसे भी रहे, जहां बारिश आफत बनी रही। खासकर पिथौरागढ़, बागेश्वर और चमोली में बारिश के कारण दुश्वारियां बढ़ गईं। अतिवृष्टि और भूस्खलन से इस सीजन कई मौत भी हुईं। बागेश्वर जिले में इस बार अब तक सामान्य से करीब ढाई गुना अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि, उत्तरकाशी, चंपावत और पौड़ी इस बार बारिश को तरसते रहे।

जून में बारिश की स्थिति

मौसम विभाग के अनुसार एक जून से 30 सितंबर तक का समय मानसून सीजन माना जाता है। हालांकि, मानसून की दस्तक उत्तराखंड में 20 जुन के आसपास होती है। इससे पहले प्री-मानसून शावर माने जाते हैं। इस बार जून में सामान्य से 20 फीसद कम बारिश हुई। इसमें सबसे ज्यादा बारिश बागेश्वर में 117 फीसद और सबसे कम उत्तरकाशी में -61 फीसद दर्ज की गई। प्रदेश में सामान्य बारिश 186 मिलीमीटर के सापेक्ष 148 मिमी रिकॉर्ड की गई।

जुलाई में बारिश की स्थिति

23 जून को उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के बाद जुलाई में अच्छी बारिश हुई। पहले सप्ताह सामान्य से 47 फीसद अधिक तो दूसरे सप्ताह 46 फीसद कम बारिश हुई। माहभर में सामान्य से 14 फीसद कम बारिश रही। इसमें बागेश्वर में सर्वाधिक 149 फीसद, उत्तरकाशी में सबसे कम -53 फीसद बारिश हुई। प्रदेश में बारिश सामान्य 370 मिमी के सापेक्ष 345 मिमी दर्ज की गई।

अगस्त में बारिश की स्थिति

अगस्त में ओवरऑल बारिश में तो सुधार हुआ, लेकिन बारिश कुछ जिलों में अधिक तो कुछ में बहुत कम हुई। इस माह भी प्रदेश में सामान्य 450 मिमी के सापेक्ष 396 मिमी बारिश हुई। जिसमें सबसे ज्यादा बागेश्वर में 169 फीसद और सबसे कम चंपावत में -48 फीसद बारिश हुई।

सितंबर में बारिश की स्थिति

सितंबर शुरू होते ही मानसून की बेरुखी और बढ़ गई। पूरे माह में सामान्य से करीब 60 फीसद कम बारिश हुई। इसमें सबसे अधिक बागेश्वर में 120 फीसद और सबसे कम अल्मोड़ा में -83 फीसद बारिश हुई।

तीन जिलों में ही सामान्य बारिश

इस बार केवल तीन जिले ऐसे रहे जिनमें सामान्य या उससे अधिक बारिश दर्ज की गई। जबकि, अन्य जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश रिकॉर्ड की गई।

फसलों को भी नुकसान

कम बारिश होने के कारण पौड़ी, उत्तरकाशी, चंपावत, टिहरी और रुद्रप्रयाग में खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा। कम पानी के चलते धान की फसल की 15 फीसद कम बुआई की जा सकी।

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