Mobile Testing Lab: मिलावटखोरों की खैर नहीं, आ गई मोबाइल टेस्टिंग लैब; इस शुल्क पर कराई जा सकती है जांच
Mobile Testing Lab दून में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब सड़कों पर उतर गई है। आधुनिक उपकरणों से लैस यह मशीन कुछ ही देर में रिपोर्ट दे देगी। दस सितंबर तक तक यह मोबाइल लैब यहीं रहेगी। इसमें मामूली शुल्क देकर खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच कराई जा सकती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। खाद्य पदार्थ में मिलावट करने वाले अब चेत जाएं। दून में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब सड़कों पर उतर गई है। आधुनिक उपकरणों से लैस यह मशीन कुछ ही देर में रिपोर्ट दे देगी। दस सितंबर तक तक यह मोबाइल लैब यहीं रहेगी। जिसमें पचास रुपये का मामूली शुल्क देकर खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच कराई जा सकती है। खाद्य कारोबारी भी अपने उत्पादों की जांच यहां करा सकते हैं।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि मंगलवार को पुलिस लाइन, रेसकोर्स, हरिद्वार रोड, आइएसबीटी, सहारनपुर रोड पर दस सैंपल की जांच की गई। आम लोग या कारोबारी पानी, दूध, कोल्ड ड्रिंक, सब्जी, दाल, मावा, मसाले, तेल, मिठाइयां समेत सभी खाद्य पदार्थों की जांच करा सकते हैं। मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब में खाद्य वस्तुओं में मिलावट और न्यूट्रिशन जांच की सुविधा दी जा रही है।
नौ सितंबर तक पुलिस लाइन,रेसकोर्स आइएसबीटी, सहारनपुर रोड, घंटाघर राजपुर रोड में यह लैब रहेगी। इसे फूड सेफ्टी आन व्हील नाम दिया गया है। जांच में पदार्थों में कमी पाए जाने पर सुधार का मौका दिया जाएगा, बाद में भी कमी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहन खाद्य पदार्थों की जांच करने के साथ-साथ जन सामान्य में जागरूकता भी पैदा करेगा। इस दौरान वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी, महेंद्र और फूड एनालिस्ट हुसैन आदि शामिल रहे।
गेट मीटिंग में समन्वय समिति ने उठाई मांगे
उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति ने मंगलवार को गेट मीटिंग कर मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। साथ ही शीघ्र कार्रवाई न होने पर प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी। समिति के प्रवक्ता प्रताप पंवार व अरुण पांडे ने बताया कि आंदोलन के प्रथम चरण के दूसरे दिन विकास भवन, महिला आइटीआइ, समाज कल्याण व सेवायोजन कार्यालय के कर्मचारियों की महिला आइटीआइ परिसर में गेट मीटिंग हुई।
यह भी पढ़ें- बागेश्वर में मानकों में लापरवाही पर डीएम ने दो संस्थाओं पर लगाया दस-दस हजार का जुर्माना
उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित समस्याओं का निराकरण न किए जाने से प्रदेश के तमाम बड़े परिसंघ व संघ समन्वय समिति के बैनर तले संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, पुलिस काॢमकों को पूर्व की भांति 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए। गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण व पदोन्नति की पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण आदि के शासनादेश किए जाएं।
यह भी पढ़ें- खाद्य सुरक्षा के लिहाज से तमाम मोर्चों पर जूझ रहा उत्तराखंड, मानकों के अनुरूप लैब न फूड सेफ्टी अधिकारी