उत्तर प्रदेश की नियमावली से चल रहा है मिनिस्टीरियल संवर्ग, पढ़ि‍ए पूरी खबर

उत्तराखंड पुलिस के सभी संवर्गों की अलग सेवा नियमावली बन गई है। अब केवल पुलिस का मिनिस्टीरियल संवर्ग ही ऐसा बचा है जो अभी तक उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली से ही चल रहा है। इससे सबसे अधिक नुकसान जिलों के मिनिस्टीरियल संवर्ग के पुराने कर्मचारियों को हो रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 04:18 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 09:36 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की नियमावली से चल रहा है मिनिस्टीरियल संवर्ग, पढ़ि‍ए पूरी खबर
उत्तर प्रदेश की नियमावली से चल रहा है मिनिस्टीरियल संवर्ग।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के सभी संवर्गों की अलग सेवा नियमावली बन गई है। अब केवल पुलिस का मिनिस्टीरियल संवर्ग ही ऐसा बचा है, जो अभी तक उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली से ही चल रहा है। इससे सबसे अधिक नुकसान जिलों के मिनिस्टीरियल संवर्ग के पुराने कर्मचारियों को हो रहा है, जिन्हें पदोन्नति के पूरे अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय अब इनकी सेवा नियमावली बनाने की तैयारी कर रहा है।

पुलिस विभाग ने बीते कुछ वर्षों में सभी संवर्गों की सेवा नियमावली बनाने में विशेष फोकस रखा हुआ है। दरअसल, संवर्गों की अपनी सेवा नियमावली न होने के कारण भर्ती, पदोन्नति व दंड आदि की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। विभागीय अधिकारी अपने हिसाब से कभी उत्तर प्रदेश की नियमावली का हवाला देते थे तो कभी अपने ही नियम लागू कर रहे थे। इस कारण कई मामले कोर्ट में भी गए। 

कोर्ट से जब सरकार को फटकार लगी तो सरकार ने पुलिस मुख्यालय को सभी संवर्गों की सेवा नियमावली बनाने के निर्देश दिए। इस पर मुख्यालय हरकत में आया। परिणामस्वरूप पुलिस में इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर, सिविल, पीएससी, घुड़सवार, संचार और अग्निशमन आदि की सेवा नियमावली अस्तित्व में आ चुकी हैं। अब पुलिस में केवल मिनिस्टीरियल संवर्ग की सेवा नियमावली नहीं बनी है। 

दरअसल, पुलिस में अभी मिनिस्टीरियल संवर्ग चार जगह बंटा हुआ है। इनमें पुलिस मुख्यालय, सीबी सीआइडी, अभिसूचना और जिला शामिल हैं। जिले को छोड़ सब में पदोन्नति के अच्छे अवसर है। जिले में मिनिस्टीरियल संवर्ग की सीमित सीट हैं। यहां का सबसे बड़ा पद सब इंस्पेक्टर अथवा इंस्पेक्टर है। इस कारण हो यह रहा है कि जिले के मिनिस्टीरियल कर्मी सब इंस्पेक्टर अथवा इंस्पेक्टर पद पर ही रिटायर हो जा रहे हैं। वहीं पुलिस मुख्यालय में मिनिस्टीरियल के ही सात से आठ अनुभाग हैं। यहां इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी अनुभाग अधिकारी होते हैं। यहां पदोन्नति पुलिस उपाधीक्षक स्तर तक हो जाती है।

इससे यहां के मिनिस्टीरियल कर्मी जिलों के मिनिस्टीरियल कर्मियों से जल्दी पदोन्नति पा रहे हैं कई बार वह पुराने मिनिस्टीरियल कर्मियों से भी वरिष्ठ पद पर आ रहे हैं। इस विसंगति को लेकर कई बार अधिकारियों के सामने बात रखी जा चुकी है। अब इस कड़ी में पुलिस मुख्यालय इस विसंगति को दूर करने के लिए शासन को नियमावली भेजने की तैयारी कर रहा है।

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