हंसी की सहायता को आगे आई सरकार, दिया नौकरी का प्रस्ताव; जानें- कौन है ये महिला और क्यों हैं चर्चाओं में

राज्यमंत्री रेखा आर्य हंसी प्रहरी से मुलाकात के लिए हरिद्वार पहुंची हैं। हंसी वो महिला है जो काफी पढ़ी लिखी हैं। पर नियति ने ऐसा खेल खेला कि आज सड़कों पर भीख मांग गुजारा करने को मजबूर हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 02:06 PM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 10:08 PM (IST)
हंसी की सहायता को आगे आई सरकार, दिया नौकरी का प्रस्ताव; जानें- कौन है ये महिला और क्यों हैं चर्चाओं में
राज्यमंत्री रेखा आर्य करेंगी हंसी प्रहरी से मुलाकात।

हरिद्वार, जेएनएन। हंसी प्रहरी की मदद को उत्तराखंड सरकार आगे आई है। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने मंगलवार हरिद्वार पहुंच हंसी से मुलाकात की और हालचाल जाना। उन्होंने हंसी को मुख्यमंत्री का संदेश सुनाया और सरकार की ओर से नारी निकेतन में केयर-टेकर की नौकरी, आवास और उनके बेटे को इच्छानुसार नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करने का प्रस्ताव दिया। मंत्री रेखा आर्य के अनुसार हंसी ने उनके दिए सरकारी प्रस्ताव को फिलहाल स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने इस पर विचार करने को उनसे कम से कम एक दिन का समय मांगा है। हालांकि, पत्रकारों से बातचीत में हंसी ने कहा कि वह शुरू से ही आजाद ख्याल और आजाद मानसिकता की रही हैं, इसलिए उन्हें कहीं बंध कर रहना स्वीकार नहीं। वह सरकार से अपने लिए मन-मुताबिक जगह(शहर के बीचोंबीच) पर आवास की मांग करती है, क्योंकि मन-मस्तिष्क पर जगह-परिवेश का काफी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि वह अपना और अपने बच्चे का पेट तो ट्यूशन पढ़ाकर ही पाल लेंगी।

हंसी प्रहरी से मुलाकात के बाद पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि हंसी उनके विधानसभा क्षेत्र की और उनके पैतृक गांव के पास की रहने वाली हैं। उन्होंने उनके साथ बंद कमरे में करीब एक घंटे बातचीत की और उनसे उनकी इस दशा के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की। बताया कि हंसी प्रहरी ने अपनी हालत की वजह को लेकर उन्हें कोई खास जानकारी नहीं दी। हालांकि उनके बीच हुई बातचीत में यह लगा कि उनके साथ उनके घर में कुछ ऐसा घटित हुआ, जिससे वह आहत होकर इस स्थिति तक पहुंच गईं। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि अभी हम उनके साथ क्या घटित हुआ, किस और किसकी वजह से घटित हुई। इसपर नहीं जा रहे, यह सब बाद की बातें हैं। 

सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हंसी की मदद करना चाहते हैं। इसलिए राज्य सरकार, उनका मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन का सारा जोर 45 वर्षीय हंसी प्रहरी को सिर पर छत, उनके लिए सम्मानपूर्वक जीवनयापन और उनके छह वर्षीय बेटे परिक्षित को अच्छी शिक्षा दिलाने की व्यवस्था करने पर है। एक बार यह हो जाए और हंसी प्रहरी मानसिक तौर पर बेहतर स्थिति में आ जाएं तो फिर उनके साथ की घटित घटनाओं का संज्ञान लेकर उनकी दशा के लिए दोषी व्यक्तियों को हंसी प्रहरी की मदद से चिंहित कर दंडित करने की दिशा में भी सख्त कदम उठाये जायेंगे।

यह पूछे जाने पर कि अगर हंसी प्रहरी सरकार के प्रस्ताव को मांन लेती हैं तो सरकार के स्तर पर कब तक मदद को सकेगी? इस पर रेखा आर्य ने कहा, सरकार की ओर से उनके मंत्रालय ने पूरी तैयारी कर ली है और हरिद्वार आने से पहले वह इस मामले में मुख्यमंत्री से आवश्यक दिशा-निर्देश भी ले चुकी हैं। इसलिए हंसी अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लेती हैं तो मंगलवार से सरकार अपने प्रस्ताव अनुरूप उनके लिए व्यवस्था कर देगी। अगर वह इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर देती हैं तो भी सरकार उनकी इच्छा अनुसार व्यवस्था करने का पूरा प्रयास करेगी। उन्हें इस तरह दर-दर की ठोकर खाने को नहीं छोड़ा जाएगा। पत्रकारवार्ता में हंसी प्रहरी, मेयर हरिद्वार श्रीमति अनिता शर्मा सहित बाल विकास कल्याण विभाग के अधिकारी, विधि सलाहकार, काउंसलर और पंडित नारायण दत्त तिवारी नेहरू युवा केंद्र के पदाधिकारी मौजूद थे। 

महापौर ने भी दिया सहायता का प्रस्ताव

हरिद्वार नगर निगम की मेयर अनिता शर्मा ने भी पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, नगर निगम हरिद्वार और अपने स्तर पर भी वह हंसी प्रहरी की हर संभव मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने हंसी के साथ ही बातचीत में यही बात कही। अब हंसी को तय करना है कि उनके लिये क्या मुफीद है। महापौर ने कहा कि नगर निगम में भी कार्य करने के अनेक मौके हैं, अगर हंसी प्रहरी राजी होती हैं तो वह इसके लिए भी प्रयास कर सकती हैं। 

मायके वालों ने तोड़ दिए हैं संबंध

मंत्री रेखा आर्य ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हंसी प्रहरी से हुई बातचीत और अल्मोड़ा से उनके संदर्भ में सामने आई जानकारी के अनुसार हंसी के मायके वालों उनसे नाता तोड़ लिया है और उनसे कोई संबंध नहीं रखते। हालांकि, उनसे छोटी उनकी एक बहन उनकी करीब 16 वर्षीय बेटी पूर्णिमा की जिम्मेदारी उठाएहुए हैं और उसे नैनीताल के एक विद्यालय में हॉस्टल में रख शिक्षा दिला रही हैं। पर, वह बहन भी हंसी से कोई संबंध नहीं रखती। इसी तरह उनके ससुराल और पति का भी उनसे कोई संबंध नहीं है। इस दौरान अन्य सभी लोगों के साथ हंसी प्रहरी भी मौके पर मौजूद थीं। बाद में पत्रकारों से बातचीत में हंसी प्रहरी ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार और माता-पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की थी। उनकी शादी में परिजन शामिल नहीं हुए थे। हंसी प्रहरी अपनी शादी को खानाबदोश की शादी करार दे रही थीं।

होगी काउंसलिंग और स्वास्थ्य परीक्षण

मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि हंसी प्रहरी के साथ मुलाकात में उन्होंने उन्हें अपनी काउंसलिंग और स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए राजी कर लिया है। उनके विभाग के अधिकारी बुधवार से ही इस मामले में अपनी कार्रवाई शुरु कर देंगे। कहा कि हंसी की वर्तमान मानसिक स्थिति को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है। बताया कि उन्होंने अपने विभाग के काउंसलर और विधि सलाहकार को मौके पर ही बुला लिया था, जिन्होंने हंसी से बातचीत करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला। कहाकि अब आगे से उनकी नियमित काउंसिलिंग और स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा।

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जब मंत्री ने दिया अपने साथ अल्मोड़ा चलने का दिया प्रस्ताव 

पत्रकारों से साथ मंत्री रेखा आर्य अनौपचारिक बातचीत कर रही थीं कि अचानक से हंसी प्रहरी भी वहां पहुंच गईं और उनसे अल्मोड़ा की बातचीत करने लगीं। इस पर मंत्री रेखा आर्य ने उन्हें अपने साथ अल्मोड़ा चलने का प्रस्ताव दिया और बताया कि वह 26 तारीख को अल्मोड़ा जा रही हैं। अचानक मिले इस प्रस्ताव पर हंसी पहले तो अवाक रह गईं पर फिर बाद में उन्होंने चलने की इच्छा जाहिर कर दी।

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