मसूरी: आठ माह में हुई बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा, सभासदों ने किया बहिष्कार; एजेंडा भी फाड़ा
आठ महीने बाद मंगलवार को बुलाई गई पालिका बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कुछ सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर अपने चहेतों को ठेके देने और विकासकार्यों में रोड़े अटकाने का आरोप लगाते हुए बोर्ड बैठक का एजेंडा ही फाड़ डाला।
संवाद सहयोगी, मसूरी(देहरादून)। आठ महीने बाद मंगलवार को बुलाई गई पालिका बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा हुआ। कुछ सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर अपने चहेतों को ठेके देने और विकासकार्यों में रोड़े अटकाने का आरोप लगाते हुए बोर्ड बैठक का एजेंडा ही फाड़ डाला।
पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक शुरू होते ही सभासदों के एक गुट ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पालिकाध्यक्ष खुद विकासकार्यों में रोड़े अटका रहे हैं। इस पर सभासद प्रताप ङ्क्षसह पंवार, दर्शन ङ्क्षसह रावत, जसबीर कौर, आरती अग्रवाल, मनीषा खरोला, पंकज खत्री, कुलदीप रौंछेला तथा गीता कुमाईं बैठक छोड़कर चले गए।
सभाषद प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि पालिका के कर्मचारी बेलगाम हो गए हैं, वह जनप्रतिनिधियों की बात सुनने को भी तैयार नहीं होते। सभासद जसबीर कौर ने कहा कि पालिकाध्यक्ष जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर रहे हैं और अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं। जो प्रस्ताव दिए गए हैं, वह बोर्ड के समक्ष नहीं आ रहे हैं। बरसात का मौसम है और शहर के अधिकांश नाले-खाले बंद पड़े हैं। जिससे मलबा सड़कों पर आ रहा है और जनता को परेशानी हो रही है। मालरोड समेत अन्य सड़कों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस पर पालिका ध्यान नहीं दे रही है।
उधर, पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि कुछ सभासदों को शहर में हो रहे विकासकार्य हजम नहीं हो रहे हैं। कोविड काल में पालिका की आय घटी है, फिर भी शहर सभी 13 वार्डों में एक-एक करोड़ के विकास कार्य शुरू किए गए। सभासदों को अपनी समस्याओं को बोर्ड बैठक में रखना चाहिए। बैठक का बहिष्कार करने से समस्याएं हल नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सभासद दबाव बनाना चाहते हैं, लेकिन मैं किसी के दबाव में काम नहीं करता हूं।
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