सीमांत क्षेत्रों की लोक संस्कृति का संरक्षण जरूरी : महाराज

संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से पलायन थामने को आवश्यक है कि वहां की लोक संस्कृति का संरक्षण किया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 10:47 PM (IST)
सीमांत क्षेत्रों की लोक संस्कृति का संरक्षण जरूरी : महाराज
सीमांत क्षेत्रों की लोक संस्कृति का संरक्षण जरूरी : महाराज

राज्य ब्यूरो, देहरादून

संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से पलायन थामने को आवश्यक है कि वहां की लोक संस्कृति का संरक्षण किया जाए। साथ ही इन क्षेत्रों को पर्यटन गतिविधियों के लिए खोला जाए, ताकि रोजगारपरक गतिविधियां प्रारंभ होने से सीमांत गांव आबाद हो सकें। कैबिनेट मंत्री महाराज ने शुक्रवार को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के गवर्निग बोर्ड की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक के दौरान यह बात कही।

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों की लोक विरासत के संरक्षण-संव‌र्द्धन और व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही आपसी समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से देशभर में सात जोनल सेंटर बनाए हैं। प्रत्येक जोनल सेंटर के अंतर्गत आने वाले प्रदेशों की लोक संस्कृति के संरक्षण और प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना संचालित की जाती है। इसी कड़ी में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के गवर्निग बोर्ड की वर्चुअल बैठक शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुई।

प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी इस वर्चुअल बैठक में शिरकत करते हुए उत्तराखंड में लोक विरासत के संरक्षण- संव‌र्द्धन को संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री महाराज ने बताया कि उनके द्वारा सीमांत क्षेत्रों में गांवों के खाली होने का मसला प्रमुखता से रखा गया। सुरक्षा की दृष्टि से भी गांवों का खाली होना ठीक नहीं है। लिहाजा, लोक विरासत के संरक्षण के साथ ही इन गांवों में पर्यटन समेत अन्य गतिविधियों के जरिये रोजगार के साधन विकसित किए जाने आवश्यक हैं।

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