एमडीडीए ने 15 मार्च तक दी ओटीएस की सुविधा
एमडीडीए ने शहर के 49 निजी क्लीनिकों को 15 मार्च तक वन टाइम सेटलमेंट की सुविधा दी है। इसके बाद क्लीनिकों पर कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून: एमडीडीए ने शहर के 49 निजी क्लीनिकों को 15 मार्च तक वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) की सुविधा दी है। इसके बाद सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक दस अस्पतालों के ओटीएस में आवेदन करने की बात सामने आई है। जबकि 30 क्लीनिक संचालकों को शनिवार को एमडीडीए में बुलाया गया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर एमडीडीए रिहायसी इलाकों में बने क्लीनिकों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई में जुटा है। इसे लेकर क्लीनिक संचालकों को पहले भी नोटिस दिए गए। मगर, सीलिंग से पहले एमडीडीए की ओर से क्लीनिक संचालकों को 'वन टाइम सेटलमेंट स्कीम' (ओटीएस) की सुविधा दी जा रही है। एमडीडीए ने ऐसे सभी क्लीनिकों को ओटीएस स्कीम के तहत कम्पाउंड कराने के नोटिस भेजे थे। मगर, 20 से 30 साल पुराने अस्पतालों पर ओटीएस पूरी तरह से अव्यवहारिक है। इसका आइएमए विरोध कर रहा है। इस पर एमडीडीए ने कुछ संचालकों को 20 फरवरी तो कुछ को 25 फरवरी तक का समय दिया। जबकि 15 मार्च तक ओटीएस की सुविधा का लाभ उठाया जा सकेगा। एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का ने बताया कि कुल 49 क्लीनिक ओटीएस के दायरे में आ रहे हैं। नोटिस जारी करने के बाद कंपाउंड न करने वालों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस फोर्स की कमी के चलते अभी कार्रवाई धीमी चल रही है। फोर्स मिलते ही कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी। स्टे की नहीं जानकारी
रेवती नर्सिग होम को यदि कमिश्नर कोर्ट से स्टे मिला तो संचालक एमडीडीए को कॉपी उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें कोर्ट के स्टे ऑर्डर की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस फोर्स की कमी के चलते वहां कार्रवाई नहीं हुई। फोर्स मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। फायदा पहुंचाने का आरोप
आइएमए से जुड़े डॉक्टरों ने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कॉरपोरेट से जुड़े बड़े अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है। इसकी मार गरीब जनता पर पड़ेगी। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। अन्यथा गरीबों को न तो सरकारी अस्पतालों में और न ही प्राइवेट में सस्ता इलाज मिल पाएगा।