माय सिटी माय प्राइड : दून का 'दर्द' समझा अब 'दवा' देंगे
देहरादून में बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी दूनवासियों ने चिंता जाहिर की। लोगों ने पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी की बात कही है
देहरादून, जेएनएन : किसी भी क्षेत्र और शहर के नागरिक जब मुहिम को लेकर आगे बढ़ते हैं तो सफलता निश्चित मिलती है। देहरादून शहर की बेहतरी को लेकर चल रही 'दैनिक जागरण' की पहल 'माय सिटी माय प्राइड' महाभियान के तहत शनिवार को हुए फोरम में दूनवासियों की उत्साह के साथ भागीदारी इसकी तस्दीक करती है। फोरम में उन्होंने शहर के प्रति अपनी पीड़ा दिखाई तो जिम्मेदारों को उनके दायित्व का अहसास भी कराया। सबसे अहम बात ये कि सरकारी तंत्र ने भी माना कि देहरादून की बेहतरी को अभी बहुत किया जाना बाकी है।
परिवर्तन सृष्टि का नियम है, लेकिन इसमें परपंराओं के साथ ही आधुनिकता का भी समावेश हो तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। 'माय सिटी माय प्राइड महाभियान' के तहत फोरम में दूनवासियों ने इसे स्वीकार किया। उन्होंने देहरादून के परिप्रेक्ष्य में महाभियान के पांचों पिलर शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आर्थिकी व इन्फ्रा से जुड़े मसलों को लेकर बेबाकी से अपनी बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, जिले के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य के साथ ही यहां के विधायकों और अधिकारियों के समक्ष रखी।
दूनवासियों ने सिर्फ समस्याएं ही नहीं रखीं, बल्कि इनके समाधान के उपाय भी सुझाए। उन्होंने बरसात में गड्ढों में तब्दील होने वाली सड़कों का जिक्र किया तो ड्रेनेज सिस्टम के अभाव में सामने आ रही दिक्कतों को भी रेखांकित किया। यही नहीं, उन्होंने शहर से रोजाना निकलने वाले करीब तीन सौ मीट्रिक टन कचरे का सही ढंग निस्तारण न हो पाने की समस्या को प्रमुखता से रखा। साथ ही सुझाया कि यदि जैविक कचरे से खाद बनाई जाए तो इससे नगर निगम अथवा अन्य संस्थाओं को न सिर्फ आय होगी, बल्कि कचरे की समस्या का निदान भी होगा।
प्रदूषण है देहरादून की चिंता
देहरादून शहर की हवा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी दूनवासियों ने चिंता जाहिर की। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी की बात भी कही। सुरक्षा के मसले पर उन्होंने शहरभर को तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरो से आच्छादित करने पर जोर दिया, साथ ही कम्युनिटी पुलिसिंग की पहल को बढ़ाने पर बल दिया। दूनवासियों ने शहर की बेहतरी को लेकर ऐसे अनेक सुझाव सरकारी तंत्र के समक्ष रखे।
फोरम की सबसे अच्छी बात यह रही कि मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों तक, सभी ने दूनवासियों के दर्द को समझा और माना कि दून की बेहतरी को लेकर अभी बहुत किया जाना बाकी है। सरकार की ओर से इस संबंध में वादा करने के साथ ही आमजन से दून की बेहतरी के प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर आगे आने का आह्वान किया गया।