VIDEO: शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति बनीं सैन्य अफसर, पहले भी कई वीरांगनाएं पहन चुकी वर्दी; जानिए

शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल सेना में अफसर बन गई हैं। आज शनिवार को चेन्नई स्थित आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से वह पासआउट हुईं। उनका बेटा भी आगे चलकर फौजी बन देश की रक्षा करना चाहता है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 07:41 AM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 09:45 PM (IST)
VIDEO: शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति बनीं सैन्य अफसर, पहले भी कई वीरांगनाएं पहन चुकी वर्दी; जानिए
शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी आज बनेंगी सैन्य अफसर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पति नायक दीपक नैनवाल की शहादत के करीब ढाई साल के भीतर उनकी पत्नी ज्योति नैनवाल भी देश सेवा की राह पर अग्रसर हो गई हैं। ज्योति ने अपने दर्द को पीछे छोड़ा और देश को सर्वोपरि मानकर सेना में जाने का निर्णय लिया। शनिवार को आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई में पासिंग आउट परेड का अंतिम पग पार करके वह लेफ्टिनेंट बन गईं। वीरांगना ज्योति के सेना का अभिन्न अंग बनने पर न सिर्फ उनके स्वजन, बल्कि समूचा उत्तराखंड गर्व की अनुभूति कर रहा है।

#WATCH | Newly commissioned Indian Army Officer Jyoti Nainwal, mother of 2 children is the wife of Naik Deepak Nainwal, who died after being shot while serving our nation in Indian Army operations in J&K in 2018.

(Source: PIB Tamil Nadu) pic.twitter.com/5hlrmGyAtV

— ANI (@ANI) November 20, 2021

देहरादून के हर्रावाला निवासी लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल के पति नायक दीपक नैनवाल 10 अप्रैल, 2018 को जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे। उन्हें तीन गोलियां लगीं थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। शरीर में धंसी तीन गोलियों से वह एक माह तक संघर्ष करते रहे। उनकी शहादत के बाद पत्नी ज्योति ने अपने दर्द को पीछे छोड़ा और देश को परिवार से पहले रखने के पति के सपने को पूरा करने निकल पड़ीं। सेना में अफसर बनने के लिए ज्योति ने कड़ी मेहनत की और उनके परिवार ने भी इसमें भरपूर साथ दिया।

पासिंग आउट परेड के दौरान लेफ्टिनेंट ज्योति की बेटी लावण्या व बेटा रेयांश समेत परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। 'दैनिक जागरण' से बातचीत में ज्योति ने कहा कि जिस सोच के साथ उनके पति ने सर्वोच्च बलिदान दिया, उसी सोच को जीने के लिए वह भी देश की राह पर बढ़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरों की धरती हैं और यहां की वीरांगनाओं का दिल भी देश के लिए धड़कता है।

बेटा भी बनना चाहता है फौजी

शहीद दीपक नैनवाल के दो बच्चे हैं, बेटी लावण्या और बेटा रेयांश। लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है और रेयांश कक्षा एक में। उन्होंने पिता को फौजी वर्दी में देखा था और अब मां को अफसर बनते देखने जा रहे हैैं। वह परिवार संग चेन्नई गए हैं। मां की इस उपलब्धि पर वह फख्र महसूस कर रहे हैं। रेयांश भी आगे चलकर फौजी ही बनना चाहता है।

तीन पीढ़ियों से कर रहे देशसेवा

दीपक नैनवाल के परिवार की तीन पीढ़िया देश सेवा से जुड़ी रही हैं। दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल भी फौज से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध व कई अन्य आपरेशन में हिस्सा लिया। उनके पिता व दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल स्वतंत्रता सेनानी थे।

कई वीरांगनाओं ने पहनी सैन्य वर्दी

पति की शहादत के बाद सैन्य वर्दी पहनने वाली ज्योति अकेली नहीं हैं। उनसे पहले दून के शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी निकिता, शहीद शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता और शहीद अमित शर्मा की पत्नी प्रिया सेमवाल भी सैन्य वर्दी पहन उदाहरण स्थापित कर चुकी हैं।

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