श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के समक्ष मार्च महीना चुनौती से भरा हुआ, पढ़ि‍ए पूरी खबर

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के समक्ष मार्च महीने चुनौती से भरा हुआ है। विश्वविद्यालय को इस महीने सेमेस्टर परीक्षा वाले पाठ्यक्रमों की आंतरिक परीक्षाएं करवाई है। साथ ही वार्षिक परीक्षा सिस्टम वाले कॉलेजों में प्रयोगात्मक परीक्षाओं का आयोजन करवाना है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:13 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:13 PM (IST)
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के समक्ष मार्च महीना चुनौती से भरा हुआ, पढ़ि‍ए पूरी खबर
टिहरी के बादशाहीथौल में स्थित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के समक्ष मार्च महीने चुनौती से भरा हुआ है। विश्वविद्यालय को इस महीने सेमेस्टर परीक्षा वाले पाठ्यक्रमों की आंतरिक परीक्षाएं करवाई है। साथ ही वार्षिक परीक्षा सिस्टम वाले कॉलेजों में प्रयोगात्मक परीक्षाओं का आयोजन करवाना है।

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 54 राजकीय महाविद्यालय हैं, जबकि  120 निजी कॉलेज हैं। इस कॉलेजों में कहीं सेमेस्टर परीक्षा सिस्टम है, जबकि कहीं वार्षिक परीक्षा पैटर्न है। ऐसे में स्नातक जैसे विषय के लिए दो अलग-अलग तरह के परीक्षा कार्यक्रम तैयार करना विवि प्रशासन के लिए आसान काम नहीं है। हाल ही में शासनादेश जारी कर ऋषिकेश स्थित महाविद्यालय को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर घोषित किया गया है। यहां अब केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था की जा रही है, जबकि विश्वविद्यालय का मुख्यालय टिहरी के बादशाहीथौल में स्थित है।

ऐसे में कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक जैसे बड़े प्रशासनिक अधिकारियों को विवि के दोनों परिसरों में नियमित रूप से बैठना पड़ेगा। इतना ही नहीं ऋषिकेश के नये परिसर में सभी बुनियादी सुविधाएं मार्च महीने में परीक्षाओं से पहले जुटानी पड़ेगी। विश्वविद्यालय के पास स्टाफ को घोर टोटा है। इतने बड़े विश्वविद्यालय में स्थयी फैकल्टी 20 फीसद भी नहीं है। ऐसे में संविदा व उपनल कर्मचारियों के सहारे काम लिया जा रहा है। वर्षों से जिन कर्मचारियों को संविदा पर रखा गया है उन्हें भी स्थायी नहीं किया जा रहा है। 

इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने कहा कि कम स्टाफ के साथ समय पर परीक्षा, मूल्यांकन, परीक्षा फल जारी करना और नये दाखिले प्रक्रिया को संपन्न करवाना चुनौती है, लेकिन विवि प्रशासन ने तय किया है कि सभी पठन-पाठन कार्य समय पर पूरे कर दिए जाएंगे।

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