शहर की व्यवस्था का सूरतेहाल जानना हो तो देखिए प्रवेश स्थल, यहां ISBT पर उतरते ही मुहं से निकलता है ओह!

देहरादून के अंतरराज्जीय बस स्टेशन (आइएसबीटी) को शहर का प्रवेश स्थल माना जा सकता है। देश-विदेश के अधिकतर यात्री से यहीं से शहर में प्रवेश करते हैं और सड़क पर पांव रखते ही उनके मुंह से ओहनिकलना स्वाभाविक है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 10:37 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 10:37 AM (IST)
शहर की व्यवस्था का सूरतेहाल जानना हो तो देखिए प्रवेश स्थल, यहां ISBT पर उतरते ही मुहं से निकलता है ओह!
ISBT पर उतरते ही मुहं से निकलता है ओह!।

जागरण संवाददाता, देहरादून। किसी शहर की व्यवस्था का सूरतेहाल जानना हो तो बस उसके प्रवेश स्थल को देख लीजिए। पता चल जाएगा कि बाकी शहर की व्यवस्था कैसी होगी। देहरादून के अंतरराज्जीय बस स्टेशन (आइएसबीटी) को शहर का प्रवेश स्थल माना जा सकता है। देश-विदेश के अधिकतर यात्री से यहीं से शहर में प्रवेश करते हैं और सड़क पर पांव रखते ही उनके मुंह से 'ओहनिकलना स्वाभाविक है। वजह है, आइएसबीटी के बाहर की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे। यह हाल भी इस मानसून सीजन में नहीं हुआ, बल्कि करीब चार साल से सड़क की स्थिति खराब है।

शहर के व्यस्ततम क्षेत्र आइएसबीटी में यातायात की राह सुगम करने के लिए वर्ष 2016 में मुख्य फ्लाईओवर (देहरादून शहर से मोहब्बेवाला की तरफ) बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद वाइशेप फ्लाईओवर (हरिद्वार बाईपास की तरफ से मुख्य फ्लाईओवर जोड़ा गया) वर्ष 2019 में बना। हालांकि, दोनों फ्लाईओवर पर 83.65 करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च करने के बाद भी यातायात की स्थिति जस की तस है। देहरादून शहर से लेकर हरिद्वार की तरफ की सर्विस लेन बस नाम की बनाई गई हैं। सर्विस लेन बेहद संकरी हैं और इन पर गड्ृढों की भी भरमार है। यही हाल आइएसबीटी चौक का भी है। इसके चलते फ्लाईओवर के नीचे के हिस्सों पर दिनभर जाम की स्थिति रहती है।

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टल्ले लगाकर चला रहे काम

आइएसबीटी के बाहर की सड़कों पर टल्ले (पैच) लगाकर अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं। पैच भी इतने हल्के होते हैं कि एक माह भी नहीं टिक पाते। बीते चार साल में पैचवर्क में ही राजमार्ग खंड के अधिकारी करीब 20 लाख रुपये ठिकाने लगा चुके हैं। एक तरह से यह पैसा पानी में बहाने जैसा है।

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नाला ठीक नहीं किया, फिर कैसे सुधरेगी हालत

आइएसबीटी क्षेत्र में गड्ढ़ों की भरमार का एक बड़ा कारण यह है कि इस क्षेत्र का नाला (शिमला बाईपास की तरफ से और हरिद्वार रोड की तरफ) अधिकांश समय चोक रहता है। इसके अलावा नाले का ढाल भी सड़क की दिशा में होने की जगह आइएसबीटी चौक की तरफ है। जैसे ही नाले में पानी भरता है तो उससे चौक पर तालाब जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। हालांकि, राजमार्ग खंड के सहायक अभियंता सुरेंदर सिंह का कहना है कि बाईपास रोड चौड़ीकरण के तहत नाले का भी नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। निर्माण शुरू होने तक गड्ढों को भर दिया जाएगा।

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