मंडी समिति की हाट योजना नहीं चढ़ी परवान, जानिए क्‍या कहते हैं अधिकारी

करीब डेढ़ साल पहले देहरादून कृषि मंडी समिति ने पहाड़ी उत्पादों को बाजार तक आसानी से पहुंचाने के लिए किसानों के हित में योजना बनाई थी।उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए मंडी समिति की हाट योजना परवान नहीं चढ़ पाई।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:04 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:11 PM (IST)
मंडी समिति की हाट योजना नहीं चढ़ी परवान, जानिए क्‍या कहते हैं अधिकारी
उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए मंडी समिति की हाट योजना परवान नहीं चढ़ पाई।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए मंडी समिति की हाट योजना परवान नहीं चढ़ पाई। देहरादून समेत आसपास के इलाकों में छोटे-छोटे हाट बाजार तैयार कर किसानों को निम्नतम शुल्क पर स्थान उपलब्ध कराया जाना था। हालांकि, बीते वर्ष से अब तक कोरोना महामारी के कारण अधिकारी कार्रवाई आगे न बढ़ने की बात कह रहे हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ माह में यह हाट योजना धरातल पर नजर आ सकेगी।

करीब डेढ़ साल पहले देहरादून कृषि मंडी समिति ने पहाड़ी उत्पादों को बाजार तक आसानी से पहुंचाने के लिए किसानों के हित में योजना बनाई थी। मंडी के सचिव विजय प्रसाद थपलियाल ने किसानों के साथ ही व्यापारियों संग भी बैठक की थी। जिसमें तय किया गया था। देहरादून और आसपास के इलाकों में स्थान चिह्नित किए जाएंगे, जहां हाट बाजार तैयार होंगे। जिनमें सप्ताह में दिन तय कर पहाड़ों से आए किसान अपने उत्पाद को सीधे ग्राहकों को बेच सकते हैं। इसका उद्देश्य शहर के बाशिंदों को पहाड़ी उत्पाद घर के पास मुहैया कराने के साथ ही किसानों को उचित बाजार उपलब्ध कराना था। हालांकि, इससे पहले कि यह कवायद शुरू होती, कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया।

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जिसके बाद से तमाम व्यवस्थाएं पटरी से उतर गईं। मंडी सचिव विजय थपलियाल ने बताया कि यह योजना अभी ठंडे बस्ते में नहीं गई है। उत्पादों के विपणन के साथ ही परिवहन की सुविधा देने के लिए किसानों से संपर्क किया जा रहा है। वहीं, शहर के कई क्षेत्रों में हाट बाजार के लिए स्थान भी चिह्नित किए जाने की प्रक्रिया जारी है। संभवत: आगामी कुछ माह में यह योजना धरातल पर उतर जाएगी।

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