करगिल युद्ध के हीरो रहे मेजर दीपक गुलाटी बोले, सेना के हाथ और अधिक मजबूत करने की जरूरत

कारगिल जैसी किसी भी घटना को रोकने के लिए सेना के हाथ और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। साथ ही सरकार को पूर्व सैनिकों के लिए भी एक आयोग का गठन करना चाहिए। यह बात कारगिल युद्ध के हीरो रहे मेजर दीपक गुलाटी ने कही।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:15 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:15 PM (IST)
करगिल युद्ध के हीरो रहे मेजर दीपक गुलाटी बोले, सेना के हाथ और अधिक मजबूत करने की जरूरत
करगिल युद्ध के हीरो रहे मेजर दीपक गुलाटी बोले, सेना के हाथ और अधिक मजबूत करने की जरूरत।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कारगिल जैसी किसी भी घटना को रोकने के लिए सेना के हाथ और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। साथ ही, सरकार को पूर्व सैनिकों के लिए भी एक आयोग का गठन करना चाहिए। यह बात कारगिल युद्ध के हीरो रहे मेजर दीपक गुलाटी ने कही। मेजर गुलाटी भारत तिब्बत समन्वय संघ के कारगिल विजय दिवस पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अन्य किसी युद्ध में अटैकर वर्सेस डिफेंडर का अनुपात 3 व 1 का होता है, लेकिन कारगिल युद्ध में परिस्थितियां इतनी कठिन थी कि वहां पर यह अनुपात 9 व 1 का था। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह कई आयोग बने है, उसी प्रकार पूर्व सैनिकों के लिए भी आयोग का गठन करना चाहिए। वायुसेना की भूमिका की चर्चा करते हुए ग्रुप कैप्टन जीएस वोहरा ने बताया कि लगभग 20 दिन के युद्ध के बाद वायु सेना आपरेशन में शामिल हुई।

हमें जो सबक सीखने की जरूरत है, वह यह है कि जब ऐसी कोई स्थिति पैदा होती है तो शुरुआत से ही सेना और वायु सेना को संयुक्त मिशन की योजना बनानी चाहिए। वेबिनार के समन्यवक कर्नल हरि राज सिंह राणा ने कहा कि कारगिल युद्ध दुनिया के कठिन युद्धों में एक था। बीटीएसएस के राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने कहा कि कारगिल युद्ध कहने को भारत व पाक के बीच लड़ा माना गया, लेकिन चीन इस लड़ाई में परोक्ष रूप से पाकिस्तान की मदद कर रहा था। गोरक्ष प्रांत के युवा विभाग के अध्यक्ष एवं कवि पंकज प्रखर के गीत, छंदों व कविताओं ने देशभक्ति की अलख जगाई। कर्नल राजेश तंवर ने भी अपने विचार रखे।

वेबिनार का संचालन अखिलेश पाठक ने किया। इस दौरान उत्तराखंड से संघ के राष्ट्रीय परामर्श दात्री सभा के सदस्य पूर्व कुलपति डा. प्रयाग दत्त जुयाल, प्रांत संरक्षक श्याम सुंदर वैश्य, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौहान, प्रदेश महामंत्री मनोज गहतोड़ी, क्षेत्र संगठन मंत्री मोहन दत्त भट्ट, राष्ट्रीय मंत्री प्रो. बैज राम कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

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