प्राचीन श्री भरत मंदिर के महंत अशोक प्रपन्नाचार्य हुए ब्रह्मलीन
भरत मंदिर के महंत अशोक प्रपन्नाचार्य (78 वर्ष ) का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। पिछले कुछ समय से वह अस्वस्थ थे और घर पर ही उपचार ले रहे थे।
ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश के प्राचीन श्री भरत मंदिर के महंत अशोक प्रपन्नाचार्य (78 वर्ष ) का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। पिछले कुछ समय से वह अस्वस्थ थे और घर पर ही उपचार ले रहे थे। बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे महंत अशोक प्रपन्नाचार्य ने श्री भरत मंदिर परिसर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
10 फरवरी 1942 को जन्मे अशोक प्रपन्नाचार्य ने वर्ष 1956 में श्री भरत मंदिर की गद्दी संभाली थी। वह श्री भरत मंदिर स्कूल सोसाइटी संचालन मंडल के अध्यक्ष भी थे। यह सोसाइटी ऋषिकेश में श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, श्री भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय, श्री भरत मंदिर पब्लिक स्कूल और मंदबुद्धि बच्चों के लिए ज्योति विशेष विद्यालय का संचालन करती है। वह अपने पीछे दो पुत्र वरुण शर्मा और वत्सल शर्मा सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है।
स्व. ज्योति प्रसाद शर्मा के वह सबसे बड़े पुत्र थे। उनसे बड़ी एक बहन और छोटी बहन और छोटे भाई हर्षवर्धन शर्मा हैं। महंत अशोक प्रपन्नाचार्य के चाचा स्वर्गीय शांति प्रपन्न शर्मा कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में क्षेत्र से कई बार विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, उद्योग व ऊर्जा मंत्री पद पर रहे। अशोक प्रपन्नाचार्य ने वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध में भारतीय सेनाओं को शिविर कैंप संचालित करने के लिए श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के विशाल प्रांगण को प्रदान करने के साथ ही रायवाला में सेना को छावनी बनाने का सुझाव दिया था।
बुधवार को चंद्रेश्वर नगर मुक्तिधाम घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र वरुण शर्मा व वत्सल शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके निधन पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, महापौर अनीता ममगाई, पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, स्नेह लता शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, जयेंद्र रमोला, महंत विनय सारस्वत, गोविंद सिंह रावत, धीरेंद्र जोशी, अभिषेक शर्मा आदि ने शोक व्यक्त किया।