अत्यंत भव्य और दिव्य है मां कात्यायनी का स्वरूप
विकासनगर पछवादून में नवरात्र के छठे दिन भक्तों ने दुर्गा सप्तशती के छठवें रूप की हुई पूजा।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: पछवादून में नवरात्र के छठे दिन भक्तों ने दुर्गा सप्तशती के छठवें अध्याय का पाठ कर मां कात्यायनी का गुणगान किया। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। मां उपासना और आराधना से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति तो कराती ही हैं, साथ ही रोग, शोक, संताप और भय को दूर करती हैं। मां की आराधना से जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
महर्षि कात्यायन के यहां भगवती परांबा की उपासना से पुत्री रूप में मां भगवती ने जन्म लिया। इसलिए देवी कात्यायनी कहलाईं। मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं।भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थी। मां कात्यायनी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मां स्वर्ण के समान चमकीली हैं। भक्तों ने मां को पूजा में शहद का भोग लगाया। पछवादून के विकासनगर, कालसी, डाकपत्थर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई, भाऊवाला आदि क्षेत्रों में देवी मंदिरों में भक्तों ने माथा टेक कर घर परिवार की खुशहाली और कोरोना महामारी से बचाने की मन्नतें मांगी।
----------------
गंगेश्वर महादेव मंदिर देवथला में हवन पूजन
विकासनगर: प्रतिष्ठा सेवा समिति के सौजन्य से गंगेश्वर महादेव मंदिर देवथला रुद्रपुर में नवरात्र के छठवें दिन हवन-पूजन किया गया। रविवार को दिनेश कुमार-सुदेश देवी यजमान के रूप में मौजूद रहे। गंगेश्वर महादेव मंदिर के महंत बजरंग दास ने भक्तों को नवरात्र का महत्व बताया। आचार्य ऋषिराम काला ने पूजन कार्य संपन्न कराया। इस मौके पर अचल शर्मा, भूपेंद्र डोगरा, सुनील बत्रा, प्रवीण शर्मा, गिरीश डालाकोटी, अमित अग्रवाल, दौलत राम, सुरेश कुमार, प्रेम सिंह, तुषार डोगरा, अभिराजन आदि मौजूद रहे।