पछवादून में कृषि भूमि को लील रहीं नदियां और बरसाती नाले

विकासनगर नदी और बरसाती नालों के जाल से घिरा पछवादून क्षेत्र लगातार अपनी कृषि भूमि खो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:53 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:53 AM (IST)
पछवादून में कृषि भूमि को लील रहीं नदियां और बरसाती नाले
पछवादून में कृषि भूमि को लील रहीं नदियां और बरसाती नाले

संवाद सहयोगी, विकासनगर: नदी और बरसाती नालों के जाल से घिरा पछवादून क्षेत्र लगातार अपनी कृषि भूमि को खो रहा है। इन नदी और नालों के उफान पर होने से जहां ज्यादातर गांव के लिए मुश्किल परिस्थिति उत्पन्न होती है, वहीं खेती योग्य भूमि पानी के साथ बह जाने से किसान खास तौर से परेशान हैं। प्रत्येक वर्ष बरसात के दिनों में नदी नाले अपना कहर ढा रहे हैं, लेकिन सरकारी स्तर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। हालत है कि छोटे बड़े कुल 20 बरसाती नालों के अलावा हिमाचल, शिवालिक की पहाड़ियों से लेकर मसूरी और देहरादून की तरफ से आने नालों का निकास इसी तरफ से होता है।

पछवादून में नदी और नालों का ऊफान कृषि भूमि को लगातार लील रहा है। बरसाती नदी और नाले प्रत्येक वर्ष सैकड़ों बीघा खेती की जमीन अपने साथ बहा ले जाते है, लेकिन इस संकट से निबटने के लिए किसी भी स्तर पर कोई तैयारी बरसात से पहले नहीं की जाती है। इसका खामियाजा हर साल क्षेत्र के निवासियों को भुगतना ही पड़ता है। यमुना, टोंस, आसन जैसी बड़ी नदियों के अलावा हिमाचल प्रदेश से आने वाली नदी प्रत्येक बरसात में अपना कहर बरपाती है। शिमला बाईपास रोड पर बसे गांवों के एक तरफ शिवालिक की पहाड़ियों से निकलकर आने वाले नाले खतरनाक स्थिति उत्पन्न करते हैं। वहीं दूसरी तरफ आसन नदी का बढ़ा जलस्तर मुसीबत का कारण बनता है। इसी प्रकार रुद्रपुर से लेकर लांघा, छरबा, बरोटीवाला, खुशहालपुर, जस्सोवाला, फतेहपुर, धर्मावाला, शाहपुर कल्याणपुर, आदूवाला, जूडली, कुंजाग्रांट जैसे 20 से अधिक गांव पूरे बरसात के मौसम में खतरे की जद में रहते हैं।

जस्सोवाला निवासी गुलफाम जान, खुशहाल पुर के प्रधान मोहम्मद सादिक, छरबा के पूर्व प्रधान रूमीराम जसवाल, केदारावाला की प्रधान तब्बसुम इमरान, धर्मावाला के पूर्व प्रधान जगबीर सिंह इसे काफी गंभीर बता रहे हैं। उनका कहना है कि हर एक बरसात के मौसम में जिस प्रकार से कृषि भूमि को नुकसान पहुंच रहा है, उससे आने वाले दिनों में खेती की जमीन का बड़ा हिस्सा खत्म हो जाएगा। वर्षो से चली आ रही इस परेशानी को दूर करने के व्यापक स्तर पर उपाय करने होंगे। उनका कहना है किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए बरसात के दिनों में इस प्रकार के नुकसान को कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाना चाहिए।

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बरसात में नदी नालों से होने वाले नुकसान वास्तव में क्षेत्रवासियों, किसानों के लिए गंभीर समस्या है। हाल के दिनों में मनरेगा, जिला पंचायत, सिचाई विभाग व अन्य माध्यमों से इस प्रकार के क्षेत्रों में काफी काम कराए भी गए हैं। समस्या के संपूर्ण समाधान के लिए सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके समाधान तलाशने का प्रयास किया जाएगा।

मुन्ना सिंह चौहान, विधायक विकासनगर।

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सेलाकुई के औद्योगिक क्षेत्र से लेकर सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर गांव नदी नालों से घिरे हुए हैं। तमाम तरह के उपायों के बावजूद बरसात का पानी कृषि भूमि को निरंतर नष्ट भी कर ही रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर समस्या का हल निकाला जाएगा। कृषि भूमि को बचाने के साथ बरसात के दिनों में होने वाले अन्य नुकसान से भी बचा जा सके इसका प्रयास जारी है।

सहदेव सिंह पुंडीर, विधायक सहसपुर।

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