World No Tobacco Day: लॉकडाउन ने तंबाकू खाने पर भी लगाया लॉक, पढ़िए पूरी खबर
दुकानों में आसानी से मिलने वाला तंबाकू खैनी सिगरेट बीड़ी पान मसाला लॉकडाउन में लगी रोक के बाद गायब सा हो गया। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए।
देहरादून, जेएनएन। हमारे देश की हर छोटी-बड़ी दुकानों में आसानी से मिलने वाला तंबाकू, खैनी, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला लॉकडाउन में लगी रोक के बाद गायब सा हो गया। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। बड़ी संख्या में ऐसे लोग जो तंबाकू का लगातार खाया करते थे, उन्होंने इसे तिलांजलि दे दी। यही वजह भी रही कि बाजार में तंबाकू उत्पादों की मांग गिर गई। हर साल तंबाकू निषेध और इससे होने वाले रोगों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार लाखों रुपये खर्च करती है, मगर नतीजे नहीं मिलते।
हालांकि, लॉकडाउन के इस दौर में तंबाकू पर लगी रोक से कई सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। सालों से तंबाकू छोड़ने की कोशिश में लगे लोगों के लिए भी यह लॉकडाउन फायदेमंद साबित हुआ।
चकराता रोड पर रहने वाली सुमित्रा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उनके पति लंबे समय से धूमपान के आदी थे। लॉकडाउन लागू होने के बाद उन्हें लंबे समय तक बीड़ी, सिगरेट नहीं मिल सकी। इसी के बाद उन्होंने धूमपान छोड़ने का फैसला लिया। शुरुआत में कुछ दिन जरूर समस्या हुई, लेकिन अब उन्हें इसकी तलब नहीं होती। उन्होंने बताया कि अब बाजार में बीड़ी, सिगरेट मिल रही है, लेकिन उनके पति इसका सेवन नहीं कर रहे।
वहीं, पटेलनगर निवासी मनोज (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उन्हें कुछ दोस्तों के साथ सिगरेट पीने और तंबाकू खाने की आदत पड़ गई थी। लॉकडाउन लागू होने के बाद वे सारा समय परिवार की नजरों के सामने ही रहे। शुरुआत में जरूर तलब लगी, लेकिन ऐसा होने पर उन्होंने खुद को दूसरे काम में व्यस्त कर लिया।
तंबाकू उत्पादों की मांग में आई औसतन 20 फीसद गिरावट
लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने तंबाकू खाना छोड़ दिया। ऐसे में बाजार में भी मांग गिर गई। तंबाकू पदार्थों के होलसेल विक्रेताओं के अनुसार बाजार में तंबाकू पदार्थों की मांग में करीब 20 फीसद की कमी आ गई है। हनुमान चौक के पास एजेंसी संचालक वेद प्रकाश ने बताया कि सामान्य तौर पर महीने में करीब 8000 पैकेट सिगरेट के बिक जाया करते थे, लेकिन अब इसकी मांग 20 फीसदी घट गई है।
वहीं, चौरसिया एजेंसी संचालक विनय चौरसिया ने बताया कि सामान्य तौर पर महीने में करीब 5000 पैकेट सिगरेट और 1000 पैकेट तंबाकू के बिक जाते थे, लेकिन इनकी मांग में करीब 20 फीसदी की गिरावट आ गई है।
संक्रमण के खतरे के लिहाज से तंबाकू खतरनाक
तंबाकू पदार्थों को खाना कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से भी बहुत खतरनाक है। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. जगदीश रावत ने बताया कि बीड़ी, सिगरेट समेत दूसरे तंबाकू पदार्थों को खाना सीधे या फिर आंशिक तौर पर हमारे फेफड़ों को कमजोर कर देते हैं। हर साल बड़ी संख्या में लोग तंबाकू खाने से हुई विभिन्न बीमारियों के कारण मर जाते हैं। बताया कि धूमपान करने से फेफड़ों का डिफेंस सिस्टम निष्क्रिय या फिर कमजोर पड़ जाता है। कोरोना वायरस भी सबसे पहले इसी पर अटैक करता है।