मोटा अनाज भी बढ़ा सकता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
भगत सिंह तोमर साहिया कोरोना काल में चिकित्सक आमजन को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात कह रहे हैं इसके लिए तमाम प्रकार के उपाय बताए जा रह रहे हैं।
भगत सिंह तोमर, साहिया: कोरोना काल में चिकित्सक आमजन को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात कह रहे हैं, इसके लिए तमाम प्रकार के उपाय बताए जा रह रहे हैं। वहीं, बुजुर्ग चंपा देवी की मानें तो घरेलू मोटा खानपान भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने मंडुवा, कुलथ, तोर, गहथ, कौनी, सोयाबीन, मटर, चना, तिल, चावल, मक्का, गेहूं, राजमा, ज्वार व नॉनवेज आदि का सेवन करने की सलाह दी है।
कालसी ब्लॉक के कोठा तारली निवासी 92 वर्षीय चंपा देवी का कहना है कि पहाड़ में अनाज हो या सब्जियां सभी में ताकत है, क्योंकि रासायनिक दवा व खाद का इस्तेमाल इनमें नहीं होता है। ज्यादातर जैविक खेती होती है। जलवायु के हिसाब से भी पहाड़ में वातावरण शुद्ध है, जिसका पूरा प्रभाव स्थानीय उपज पर दिखता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है। चंपा देवी के अनुसार मोटे अनाज, चोकरयुक्त आटे व स्थानीय सब्जियों के सेवन के अलावा उन्होंने बाहर का कुछ नहीं खाया। फास्ट फूड चाउमीन व अन्य चीजें कभी नहीं खाई। आजकल लोग फास्ट फूड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, लेकिन ये शरीर पर गलत असर करता है। इससे प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक है। ऐसे में स्थानीय उपज का ही सेवन कर प्रतिरोधक क्षमता ठीक रखें। उन्होंने बताया कि सादे जीवन व मोटे खानपान के चलते उन्होंने स्वयं को स्वस्थ रखा है। 92 साल में भी वह घर का कामकाज करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें। तभी हम कोरोना की चेन तोड़ने में कामयाब हो पाएंगे।