कोरोना संकट से जूझ रहे शहरी निकायों को मदद, एक महीना पहले ही दे दिए 49 करोड़
कोरोना संकट से जूझ रहे शहरी निकायों के सामने अपने कार्मिकों के वेतन और अन्य खर्चो को पूरा करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट से जूझ रहे शहरी निकायों के सामने अपने कार्मिकों के वेतन और अन्य खर्चों को पूरा करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। इन परेशानहाल निकायों की मदद को प्रदेश सरकार ने हाथ बढ़ाया है। सभी शहरी निकायों को सितंबर में दी जाने वाली छठी मासिक किस्त की 49.73 करोड़ की धनराशि एक महीना पहले दी गई है।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते शहरी निकायों की आमदनी में भी गिरावट हुई है। कर्मचारियों के वेतन, भत्ते के साथ पथ प्रकाश और जल संस्थान के अवशेष बिलों और सेवानिवृत्त कार्मिकों के बकाया भुगतान में अड़ंगा लग रहा है। इस परेशानी को भांपने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की छठी मासिक किस्त की धनराशि अग्रिम पकड़ा दी है। सभी आठ नगर निगमों को 22 करोड़ 10 लाख 97 हजार रुपये दिए गए हैं। इसी तरह 41 नगर पालिका परिषदों को 22 करोड़ 11 लाख 99 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इनमें निकायों के सेवानिवृत्त कार्मिकों की पेंशन निधि की धनराशि भी शामिल है।
प्रदेश की 39 नगर पंचायतों को पांच करोड़ 35 लाख और 17 हजार रुपये की धनराशि दी गई है। तीन गैर निर्वाचित निकायों को 17 लाख 17 हजार रुपये दिए गए हैं। इस संबंध में वित्त सचिव अमित नेगी ने शहरी विकास निदेशक को अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। आदेश में यह हिदायत दी गई है कि ये धनराशि सबसे कार्मिकों के वेतन, सेवानिवृत्त कार्मिकों के शेष देयों के साथ ही जल संस्थान के बिलों के भुगतान में खर्च की जाएगी। इस खर्च को पूरा करने के बाद शेष बचने वाली धनराशि को विकास कार्यों, सफाई और स्वच्छता संबंधी वाहनों को खरीदने में इस्तेमाल किया जा सकेगा। कूड़ा वाहन, डंपर, टिप्पर, जेसीबी, कंपेक्टर वाहन खरीदे जाएंगे, लेकिन इससे इतर जीप और स्टाफ कार की खरीद बिल्कुल नहीं होगी।
एक आठ नगर निगमों को जारी धनराशि का ब्योरा
(धनराशि: करोड़ रुपये में)
नगर निगम, धनराशि
देहरादून, 8.47
ऋषिकेश, 1.48
हरिद्वार, 2.46
रुड़की, 2.20
हल्द्वानी, 2.39
काशीपुर, 1.99
रुद्रपुर, 2.12
कोटद्वार, 0.74
दो तीन गैर निर्वाचित नगर निकायों को दी गई धनराशि (लाख रुपये में)
बदरीनाथ-8.93 केदारनाथ-4.17 गंगोत्री-4.17