सीएम सौर योजना में एमएसएमई के तहत मिलेगा ऋण, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेशवासियों के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को ज्यादा लाभप्रद बनाया गया है। अब एमएसएमई के तहत इस योजना में लाभ मिलेगा। जिलाधिकारियों से मिले सुझावों के आधार पर सरकार ने योजना को व्यावहारिक बनाते हुए संशोधित अधिसूचना जारी की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेशवासियों के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को ज्यादा लाभप्रद बनाया गया है। अब एमएसएमई के तहत इस योजना में लाभ मिलेगा। यानी आवेदकों को एमएसएमई के तहत सब्सिडीयुक्त ऋण सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। जिलाधिकारियों से मिले सुझावों के आधार पर सरकार ने योजना को व्यावहारिक बनाते हुए संशोधित अधिसूचना जारी की है।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के प्रविधानों में संशोधनों की अधिसूचना जारी की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब 25 केवीए क्षमता के संयंत्रों की स्थापना की जा सकेगी। पहले ऊर्जा निगम से स्थापित 63 केवीए या इससे अधिक क्षमता के ट्रांसफार्म से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर हवाई दूरी व मैदानी क्षेत्रों में सौ मीटर तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाने की व्यवस्था थी। इसे संशोधित कर अब 25 केवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर पर 20 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। 63 केवीए या इससे अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर से 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट आवंटित किए जा सकेंगे।
न्यूनतम आय वाले लाभार्थी को परियोजना आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश में ऊर्जा निगम के 25 केवीए एवं उससे अधिक क्षमता के सभी ट्रांसफार्मरों की जानकारी आनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह भी संशोधन किया गया है कि ट्रांसफारमर के आसपास निर्धारित दूरी से अधिक अधिक संख्या में आवेदक आवेदन करते हैं तो परियोजना का आवंटन वार्षिक न्यूनतम आय के आधार पर किया जाएगा।
शासन ने इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण के मानकों में भी बदलाव किया है। अब यह ऋण एमएसएमई योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण के अनुसार ही अनुमन्य किए जाएंगे। अभी तक आवेदकों को कुल लागत का 70 प्रतिशत तक अंश ऋण के रूप में मिलता था।
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