उत्‍तराखंड : छोटे उद्यम के लिए 50 हजार रुपये तक का मिलेगा ऋण, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो का शासनादेश हुआ जारी

उत्‍तराखंड में छोटे उद्यम के लिए 50 हजार रुपये तक का ऋण मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में इसको मंजूरी मिली थी। अब उद्योग विभाग ने इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:11 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:11 PM (IST)
उत्‍तराखंड : छोटे उद्यम के लिए 50 हजार रुपये तक का मिलेगा ऋण, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो का शासनादेश हुआ जारी
प्रदेश में अब छोटे उद्यम लगाने के इच्छुक बेरोजगारों को 50 हजार रुपये तक ऋण मिल सकेगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में अब छोटे उद्यम लगाने के इच्छुक बेरोजगारों को 50 हजार रुपये तक ऋण मिल सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में मंजूरी के बाद अब उद्योग विभाग ने इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया है। प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान वापस लौटे प्रवासियों व उद्यमशील युवाओं को विनिर्माण, सेवा व व्यवसाय के संचालन को कई योजनाएं शुरू की है। इनमें से अधिकांश योजनाओं में पात्रता की शर्तें तथा ऋण प्राप्त करने के लिए अपेक्षित औपचारिकताओं के अधिक होने के कारण छोटे उद्यमियों को ऋण प्राप्त करने में परेशानी हो रही है।

इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत नए उद्यम शुरू करने के इच्छुक युवाओं को न्यूनतम औपचारिकता के साथ 50 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना में उद्योग, सेवा, सब्जी व फल, फास्ट फूड, मोबाइल रिपेयरिंग, सिलाई-बुनाई, बेकरी, बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन व संबंधित कारोबार के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण दिलाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य इस योजना के अंतर्गत तीन वर्षों में 20 हजार व्यक्तियों को लाभान्वित करने का है। मकसद यह कि घर लौटे प्रवासी अपने गांव अथवा सीमावर्ती स्थान पर ही अपना उद्यम व व्यवसाय शुरू कर सकें।

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आशा फैसिलिटेटर ने कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली

आशा फैसिलिटेटर ने महीने भर का निश्चित मानदेय व प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने पं. दीनदयाल पार्क से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली और जिलाधिकारी के जरिए सीएम व पीएम को ज्ञापन भेजा।

उन्होंने कहा कि आशा फैसिलिटेटर ने अपनी तीस दिन की स्थायी ड्यूटी, प्रोत्साहन राशि व निश्चित मानदेय के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। इस संबंध में सरकार, शासन व विभागीय स्तर पर कई बार वार्ता हुई है। 12 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में उपनल कर्मियों, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ताओं की प्रोत्साहन राशि व अन्य मानदेय स्वीकृत किए, पर आशा फैसिलिटेटर को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि आशा फैसिलिटेटर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लंबे समय से कार्यरत हैं। ऐसे में उनकी भी प्रोत्साहन राशि व अन्य मानदेय स्वीकृत किए जाएं। आशा फैसिलिटेटर की 20 दिन की मोबिलिटी को 30 दिन की स्थायी ड्यूटी में परिवर्तित किया जाए। इस दौरान प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी, कार्यकारी अध्यक्ष कुसुम चौहान, उपाध्यक्ष कंचन बंसल, अनीता चौहान, जिलाध्यक्ष लक्ष्मी शर्मा, जिला मंत्री संगीता रानी आदि मौजूद रहीं।

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