Leopard in Rishikesh: मादा गुलदार के बाद अब पिंजरे में कैद हुआ शावक, दो और की तलाश जारी

Leopard in Rishikesh खदरी-खड़क माफ में लंबे समय से सक्रिय गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद अब एक शावक भी पिंजरे में कैद हुआ है। हालांकि अभी गुलदार के दो शावक नहीं मिले हैं। वन विभाग उनकी तलाश में जुटा हुआ है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 01:03 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:29 PM (IST)
Leopard in Rishikesh: मादा गुलदार के बाद अब पिंजरे में कैद हुआ शावक, दो और की तलाश जारी
मादा गुलदार के बाद अब पिंजरे में कैद हुआ शाव।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश।Leopard in Rishikesh ऋषिकेश के खदरी-खड़कमाफ में लंबे समय से सक्रिय मादा गुलदार के ङ्क्षपजरे में कैद होने के बाद अब मंगलवार सुबह एक शावक भी पिंजरे में कैद हुआ है। हालांकि अभी वन विभाग को दो और शावकों की तलाश है। ग्राम सभा खदरी-खड़कमाफ के आबादी से सटे क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से गुलदार सक्रिय है। मार्च में यह गुलदार यहां तीन शावकों के साथ नजर आया था। कई बार गुलदार और शावक यहां आबादी क्षेत्र में घूमते हुए सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुए थे। जिसके बाद वन विभाग गुलदार को पकडऩे की कोशिश में जुटा था।

कई बार पिंजरे लगाने के बाद भी जब सफलता हाथ नहीं लगी तो विभाग ने वल्र्ड वाइड फंड फार नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ)के विशेषज्ञों की मदद ली। बीती 15 सितंबर को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के विशेषज्ञों ने क्षेत्र का निरीक्षण कर वन विभाग को कुछ विशेष जगहों पर पिंजरे लगाने के सुझाव दिए थे। जिसके बाद 17 सितंबर को करीब चार वर्षीय मादा गुलदार पिंजरे में कैद हो गई। इसके बाद मादा गुलदार के साथ देखे गए तीन शावकों को बचाने की चिंता वन विभाग को सता रही है। मादा गुलदार के पकड़े जाने के बाद 18 सितंबर को फिर से यहां गन्ने के खेत में शावक नजर आए थे। चूंकि यह शावक अभी एक वर्ष से कम उम्र के हैं, जो शिकार करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इन शावकों को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती बन गया है। मंगलवार सुबह गुलजार फार्म में एक गन्ने के खेत में लगाए गए  पिंजरे में एक शावक कैद हो गया।

सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रेंज अधिकारी एमएस रावत ने बताया कि पकड़े गए शावक की उम्र करीब 10 माह से एक वर्ष के बीच है। उन्होंने बताया कि अभी यहां दो और शावक हो सकते हैं, उन्हें पकडऩे के भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए शावक को रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है। स्थानीय ग्रामीण व वन्य जीव प्रेमी विनोद जुगलान ने बताया कि वन विभाग टीम की काबिंग के दौरान भी यहां तीन शावकों के पंजे के निशान मिले थे। जिससे इतना तय है कि अभी यहां दो और शावक हो सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें पकड़ा जाना जरूरी है।

एक शावक के पकड़े जाने के बाद मंगलवार को एक बार फिर से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इस दौरान वन दरोगा स्वयंबर दत्त कंडवाल, वनबीट अधिकारी राजेश बहुगुणा, मनोज कुमार भोला, कमल सिं, स्थानीय विनोद जुगलान, विपिन चौधरी, सूर्या प्रकाश चौहान, बबलू चौहान, सूरज आदि मौजूद थे।

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