उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का निधन, उनका जाना एक राजनीतिक युग का अवसान

Indira Hridyesh उत्‍तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता इंदिरा हृदयेश का रविवार को निधन हो गया। वह उत्तराखंड सदन नई दिल्ली में ठहरी हुईं थीं। बीते रोज प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के साथ बैठक में शिरकत की थी जिसके बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:23 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:55 PM (IST)
उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का निधन, उनका जाना एक राजनीतिक युग का अवसान
उत्‍तराखंड की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता इंदिरा हृदयेश का रविवार को निधन हो गया।

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून: Indira Hridyesh उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व वित्त मंत्री डा इंदिरा हृदयेश के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरीश रावत व विजय बहुगुणा समेत मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस नेताओं ने शोक प्रकट किया है। सभी ने दिवंगत की आत्मा की शांति और शोक संतप्त स्वजन को धैर्य प्रदान करने की कामना ईश्वर से की है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड की राजनीति में दशकों से उत्तराखंड की राजनीति में दशकों से प्रमुख महिला स्वर रही हैं। उन्होंने डा. हृदयेश के निधन पर शोक जताया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने शोक संदेश में कहा कि राजनीतिक व सामाजिक जीवन में डा इंदिरा हृदयेश ने सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य किया। महिला अधिकारों की वह प्रबल पक्षधर रहीं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि महिला राजनेता के रूप में इंदिरा हृदयेश ने राज्य में विशेष पहचान बनाई, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इंदिरा हृदयेश एक कुशल प्रशासक व वरिष्ठ राजनेता थीं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इंदिरा हृदयेश का जाना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान का भंडार थीं। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस की एक शीर्ष नेता का जाना सबके लिए बहुत दुखद है। उनके रिक्त स्थान को कोई नहीं भर सकता। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि यह उत्तराखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। राजनीति और समाज सेवा में डा हृदयेश के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड के राजनीतिक सफर में उन्हें डा. हृदयेश से सकारात्मक राजनीति करने की सीख मिली। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वह संसदीय परंपराओं की मर्मज्ञ थीं। सत्ता पक्ष, विपक्ष सभी के बीच उनकी स्वीकार्यता थी। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि डा. हृदयेश के निधन से प्रदेश की राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि डा. हृदयेश विधायी कार्यों की ज्ञाता होने के साथ ही सबका मार्गदर्शन करने वाली नेता थीं।

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक जीवन में लंबे समय तक डा. हृदयेश के साथ काम किया। उनके सभी दलों से अच्छे संबंध रहे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने शोक संदेश में कहा डा. हृदयेश का शिक्षक राजनीति से लेकर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की राजनीति में लंबा सफर रहा। उनके निधन से पार्टी ने अपना ने अपना एक मार्गदर्शक खो दिया है।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी निधन पर शोक जताया है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने अपने संदेश में कहा कि डा. इंदिरा हृदयेश ने उत्तराखंड के साथ ही देश की राजनीति में भी योगदान दिया। वह उत्तराखंड के विकास के लिए हमेशा चिंतित रहती थीं। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, रेखा आर्य और स्वामी यतीश्वरानंद ने भी नेता प्रतिपक्ष के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

इंदिरा के निधन पर नैनीताल जिले के सरकारी कार्यालय कल रहेंगे बंद

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन पर सोमवार को नैनीताल जिले के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। नैनीताल में सोमवार को ध्वज आधे झुके रहेंगे। उनका अंतिम संस्कार पुलिस सम्मान के साथ किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने रविवार को उनके निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इसमें यह स्पष्ट किया गया कि जिस जिले में अंतिम संस्कार होगा, वहां उस दिन सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। वहीं, शासन के राजकीय शोक के निर्देशों के क्रम में राजधानी देहरादून के सरकारी कार्यालयों में रविवार को ध्वज आधे झुके रहे। डॉ. हृदयेश के पार्थिव शरीर को हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लाया गया है। यहां शहरवासी अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

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