परिवहन विभाग ने दी राहत, फिटनेस पर अब रोजाना नहीं लगेगा विलंब शुल्क

उत्‍तराखंड में भी अब केंद्र द्वारा रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के विलंब पर लिए जाने वाले शुल्क के नियम को लागू न करने का निर्णय लिया है।

By Edited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 08:46 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 12:07 PM (IST)
परिवहन विभाग ने दी राहत, फिटनेस पर अब रोजाना नहीं लगेगा विलंब शुल्क
परिवहन विभाग ने दी राहत, फिटनेस पर अब रोजाना नहीं लगेगा विलंब शुल्क

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने भी अब प्रदेश के 27 लाख वाहन चालकों व स्वामियों को खासी राहत दी है। प्रदेश में भी अब केंद्र द्वारा रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के विलंब पर लिए जाने वाले शुल्क के नियम को लागू न करने का निर्णय लिया है। इससे अब प्रदेश में वर्ष दिसंबर 2012 से पूर्व के नियम प्रभावी होंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि अब वाहन स्वामियों को फिटनेस पर विलंब करने के लिए प्रतिदिन 50 रुपये नहीं बल्कि पूर्व में वाहनों की श्रेणी के आधार पर निर्धारित 200, 400 व 600 रुपये ही लिए जाएंगे। इसी तरह 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस को रिन्यू कराने के शुल्क में भी राहत मिलेगी। इन पर अब पुराना शुल्क ही लागू होगा।

केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर 2016 को एक अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार केंद्र ने रजिस्ट्रेशन, फिटनेस व लाइसेंस शुल्क की दरों में बदलाव किया था। इसके अलावा केंद्र ने इनका विलंब शुल्क भी स्वयं तय कर दिया था। जबकि, पहले व्यवस्था यह थी कि विलंब शुल्क राज्य सरकारें तय करती थी। केंद्र द्वारा विलंब शुल्क तय करने के कारण यह दरें खासी अधिक हो गई। इसमें सबसे अधिक विलंब शुल्क फिटनेस का आ रहा था। इस पर प्रतिदिन 50 रुपये का विलंब शुल्क रखा गया था। 

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इसे देखते हुए चेन्नई व उत्तर प्रदेश के परिवहन व्यवसायियों ने हाईकोर्ट की शरण ली। मद्रास व इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में केंद्र द्वारा विलंब शुल्क लगाने के निर्णय को सही नहीं बताया और इसे समाप्त कर दिया। इसे देखते हुए उत्तराखंड परिवहन विभाग ने शासन से इस पर राय मांगी। शासन ने न्याय विभाग से सहमति लेने के बाद प्रदेश में भी मद्रास और उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार ही केंद्र द्वारा तय विलंब शुल्क को विधि सम्मत नहीं माना है।  अपर सचिव परिवहन रणवीर सिंह चौहान ने आयुक्त परिवहन को पत्र लिखकर इस दिशा में अपेक्षित कार्यवाही करने को कहा है।

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